
मंडी, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । सुकेत की प्राचीन राजधानी पांगणा की भूमि देव संस्कृति और परंपराओं के लिए विख्यात है। यहां पर अवस्थित अम्बरनाथ मंदिर का संबंध महाभारत काल से जुड़ा माना जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर में ही कुलूत के राक्षस कुल की हिडिम्बा का गंधर्व विवाह इसी अम्बरनाथ मंदिर में सम्पन्न हुआ था। अम्बरनाथ मंदिर का आजकल नवनिर्माण कार्य चल रहा है। पूर्व में यहां विद्यमान भद्रमुख, पाषाण मूर्तियां, आमलक, प्रस्तर स्तंभों व विशाल नंदीश्वर की एकाश्म मूर्ति से यह ज्ञात होता है कि इस मंदिर का निर्माण छठी-सातवीं शताब्दी में नागर शैली में हुआ होगा। अंबरनाथ मंदिर से ही महामाया दुर्ग के लिए सोपान बने हैं जहां दुर्ग मंदिर में देवी विराजमान हैं। अंबरनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण से पूर्व यहां शिव भागवत पुराण कथा का आयोजन हुआ, जिसमें शिमला जिले के ठियोग उपमण्डल से सम्बन्ध रखने वाले डॉ. दास महेश शर्मा ने शिव की लीलाओं का भावप्रवण वर्णन कर भक्ति, ज्ञान और वैराग्य के शाश्वत गुणों का वर्षण किया।
डॉ. दास महेश शर्मा ने कहा कि पांगणा की भूमि शिवमय है और यहां शिव सहचरणी शक्ति, सिद्धों, नागों एवं गणों सहित साक्षात विराजमान हैं। इस पुण्यभूमि की देव परंपराओं में आस्था और विश्वास के दर्शन होते हैं। शिवपुराण कथा की अंतिम संध्या को 20 जुलाई को हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध लोकगायक कुलदीप शर्मा ने भजनों के गायन से वातावरण को देवमय बना दिया। कुलदीप शर्मा भी शिमला जिले के ठियोग उपमण्डल से सम्बन्ध रखते हैं। इन्होंने अपनी सुमधुर आवाज से लोक गीतों को राष्ट्रीय पटल पर स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई है। डॉ. दास महेश शर्मा और कुलदीप शर्मा ने आपदा पीड़ित परिवारों के लिए करसोग के एस.डी.एम. गौरव महाजन को एक लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह रुपये की राशि प्रदान की।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
