
थिम्फू, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भूटान की राजधानी थिम्फू में भारत-भूटान साझेदारी को और मजबूत बनाने वाली कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि भारत और भूटान का संबंध विश्वास, आपसी सहयोग और साझा समृद्धि पर आधारित है।
थिम्फू के चांगलीमेथांग सेलिब्रेशन ग्राउंड में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ऊर्जा, कनेक्टिविटी, इंफ्रास्ट्रक्चर, आर्थिक सहयोग और सांस्कृतिक संबंधों से जुड़े कई प्रमुख निर्णयों की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने भूटान की जलविद्युत क्षमता में 40 प्रतिशत वृद्धि करने वाले 1000 मेगावाट से अधिक के नए हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना भूटान की ‘सौ प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा’ क्षमता को और बढ़ाएगी। मोदी ने बताया कि लंबे समय से रुकी हुई एक अन्य हाइड्रो प्रोजेक्ट पर भी पुनः कार्य शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही भारत और भूटान ने सौर ऊर्जा सहयोग से जुड़े अहम समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए।
प्रधानमंत्री ने कहा, “कनेक्टिविटी अवसर पैदा करती है और अवसर समृद्धि पैदा करता है।” उन्होंने घोषणा की कि भूटान के गेलेफू और समत्से शहरों को भारत के विशाल रेल नेटवर्क से जोड़ने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। इसके अलावा भारत भूटान के महत्वाकांक्षी ‘गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी’ परियोजना के लिए हर संभव सहयोग करेगा। भारत जल्द ही गेलेफू के पास एक नया इमीग्रेशन चेकपॉइंट स्थापित करेगा, जिससे निवेशकों और पर्यटकों को सुविधा मिलेगी।
भारत ने भूटान की पंचवर्षीय योजना के लिए 10 हजार करोड़ रुपये के सहयोग की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सहायता सड़क, कृषि, वित्त और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में उपयोग हो रही है। इसके अलावा, दोनों देशों ने यूपीआई भुगतान सुविधा के विस्तार पर भी सहमति जताई, जिससे भूटान के नागरिक भारत में डिजिटल भुगतान कर सकेंगे।
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत-भूटान की साझेदारी की सबसे बड़ी शक्ति दोनों देशों के लोगों के बीच का आत्मिक संबंध है। उन्होंने कहा कि राजगीर में हाल ही में उद्घाटन हुए रॉयल भूटान टेम्पल के बाद भारत सरकार वाराणसी में भूटानी मंदिर और गेस्ट हाउस के निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध कराएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत-भूटान की साझेदारी का सबसे बड़ा लाभ युवाओं को मिल रहा है। दोनों देशों के युवा मिलकर शिक्षा, नवाचार, खेल, अंतरिक्ष और संस्कृति के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उन्होंने विशेष रूप से भारत-भूटान द्वारा संयुक्त रूप से बनाए जा रहे सैटेलाइट का उल्लेख किया, जिसे दोनों देशों के सहयोग की उपलब्धि का प्रतीक बताया।
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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार