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डीओआईटी के पूर्व संयुक्त निदेशक के खिलाफ प्रसंज्ञान आदेश रद्द करने से इनकार

हाईकाेर्ट

जयपुर,14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । राजस्थान हाईकोर्ट ने योजना भवन के बेसमेंट की अलमारी में मिली दो करोड रुपए से अधिक नकदी और एक किलोग्राम सोने से जुड़े ईडी मामले में डीओआईटी के तत्कालीन संयुक्त निदेशक आरोपी वेद प्रकाश यादव की याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा है कि अलमारी में राशि और सोना रखते समय अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया जा रहा था। ऐसे में अभियोजन स्वीकृति लेने की जरूरत नहीं थी। जस्टिस अनूप ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश वेद प्रकाश यादव की याचिका को खारिज करते हुए दिए।

याचिका में कहा गया कि ईडी मामलों की विशेष अदालत ने उसके खिलाफ प्रसंज्ञान लेते समय इस तथ्य को ध्यान में नहीं रखा कि मामले में अभियोजन स्वीकृति नहीं ली गई है। जबकि राज्य सरकार कर्मचारी के खिलाफ बिना अभियोजन स्वीकृति लिए बिना अभियोजन की कार्रवाई नहीं की जा सकती है। ऐसे में ईडी कोर्ट के 21 मार्च, 2024 के प्रसंज्ञान आदेश को रद्द किया जाए। जिसका विरोध करते हुए ईडी की ओर से अधिवक्ता अक्षय भारद्वाज ने कहा कि डीओआईटी कार्यालय की अलमारी में भारी मात्रा में नकदी और सोने की ईंट रखने का कृत्य आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान किया गया कार्य नहीं है। ऐसे में इसके लिए अभियोजन स्वीकृति की जरूरत नहीं है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया है।

गौरतलब है कि 19 मई, 2023 को योजना भवन के बेसमेंट में रखी अलमारी से 2.31 करोड़ रुपए की नकदी और एक किलोग्राम सोना बरामद हुआ था। प्रारंभिक जांच के बाद डीओआईटी के संयुक्त निदेशक वेद प्रकाश यादव के खिलाफ एसीबी में मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद ईडी ने अलग से प्रकरण दर्ज कर वेद प्रकाश को गिरफ्तार किया था।

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(Udaipur Kiran)

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