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जेडीए की तीन आवासीय योजनाओं में वकीलों को आरक्षण से इनकार, रेफरेंस याचिका खारिज

कोर्ट

जयपुर, 20 जून (Udaipur Kiran) । जेडीए अपीलीय अधिकरण ने जेडीए की तीन आवासीय योजनाओं गंगा विहार, यमुना विहार व सरस्वती विहार में वकीलों को 5 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने का आग्रह करने वाली रेफरेंस याचिका को खारिज कर दिया। अधिकरण ने कहा कि यह रेफरेंस याचिका पूरे अधिवक्ता समुदाय के लाभ व हित के लिए दायर हुई है और इसमें वकीलों के लिए आवास नीति को लागू करने का आग्रह किया है। ऐसे में यह याचिका जनहित याचिका की श्रेणी में है। इसलिए रेफरेंस याचिका को जनहित याचिका के तौर पर नहीं सुना जा सकता और ना ही अधिकरण को इसकी सुनवाई का ही क्षेत्राधिकार है। पीठासीन अधिकारी राजेश जैन ने यह आदेश गुरुवार को चन्द्रहास सिंह की रेफरेंस याचिका खारिज करते हुए दिया।

प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता साकेत पारीक ने कहा कि राज्य सरकार की आवास नीति-2013 के तहत वकीलों को भी आरक्षण का लाभ देने के लिए कहा था। लेकिन जेडीए ने 2013 के बाद की किसी भी आवासीय योजना में वकीलों के लिए 5 फीसदी भूखंड आरक्षित नहीं रखे हैं। इसलिए राज्य सरकार से 2013 की नीति की क्रियांविति करवाई जाए और इन तीनों आवासीय योजनाओं में भी वकीलों के लिए भूखंड आरक्षित किए जाएं। इसके जवाब में जेडीए के अधिवक्ता अमित कुड़ी ने कहा कि आवासीय नीति के तहत ग्रुप हाउसिंग के प्राेजेक्ट में वकीलों के लिए 5 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया था ना कि सभी आवासीय योजनाओं में। इसके अलावा रेफरेंस पीड़ित व्यक्ति ही दायर कर सकता है, जबकि यह रेफरेंस याचिका पूरे वकील समुदाय को लाभांविति करने के लिए पीआईएल की तौर पर दायर हुई है। अधिकरण को ऐसी रेफरेंस याचिका को पीआईएल के तौर पर सुनवाई का ही क्षेत्राधिकार नहीं है। इसलिए रेफरेंस याचिका खारिज की जाए। अधिकरण ने जेडीए की दलीलों से सहमत होकर रेफरेंस याचिका खारिज कर दी।

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(Udaipur Kiran)

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