
– जागरूकता, जनभागीदारी एवं अन्तर्विभागीय समन्वय पर किया विशेष कार्य
भोपाल, 19 सितम्बर (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय वाहक जनित रोग कार्यक्रम के अंतर्गत मध्य प्रदेश सरकार द्वारा डेंगू, मलेरिया एवं चिकुनगुनिया नियंत्रण हेतु प्रदेश भर में जागरूकता अभियान एवं अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से लगातार मच्छर जनित रोगों के उन्मूलन हेतु विशेष प्रयास किये जा रहे हैI वर्ष 2025 अगस्त माह तक जांचों की संख्या में वृद्धि एवं डेंगू प्रकरणों में कमी परिलक्षित हुई है।
वाहक जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम मप्र के राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. हिमाशु जायसवार ने शुक्रवार को बताया कि मध्य प्रदेश में लगातार मच्छर जनित रोगों के नियंत्रण हेतु जागरूकता कार्यक्रम, जिसमें मुख्य रूप से ग्राम एवं बस्ती स्तर पर ग्राम चौपाल, वालंटियर के माध्यम से लार्वा सर्वे, गृह भ्रमण, जागरूकता रथ, नुक्कड़ नाटक, सार्वजानिक स्थलों पर विडियो के माध्यम से आईईसी, चौराहे इत्यादि पर कैनोपी के माध्यम से गतिविधि आदि शामिल है। इसी क्रम में मच्छर उत्पत्ति स्थलों पर लार्वा नष्टीकरण हेतु टेमोफोस, बीटीआई पाउडर, गम्बुसिया मछली का संचयन, ओइल्फ़िल्मिन्ग, स्प्रे आदि का उपयोग किया गया। लोगों को मच्छरदानी लगाने हेतु प्रेरित किया साथ ही पानी को हर सात दिन में बदलने हेतु लोगों को जागरूक किया।
उन्होंने बताया कि इंदौर में ड्रोन के माध्यम से लार्वा उत्पत्ति स्थलों का सर्वे किया गया। इस वर्ष 2025 में अभी तक कुल 770 के करीब डेंगू के प्रकरण प्रदेशभर में आये है एवं कुल जांचे 41500 के करीब हुई है, वही वर्ष 2024 में माह अगस्त तक कुल जांचे 33801 हुई जिनमे 2198 डेंगू के प्रकरण आये थे, इस प्रकार इस वर्ष 2025 लगभग 65 प्रतिशत कि कमी डेंगू प्रकरणों में परिलक्षित हुई है, स्वास्थ्य विभाग, नगरीय निकाय, एम्बेड परियोजना एवं अन्य समस्त विभागों का सहयोग नियमित मिल रहा है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में 17 सितम्बर 2025 से 02 अक्टूबर 2025 तक प्रदेश में सेवा पखवाड़ा अभियान अंतर्गत साफ सफाई एवं स्वच्छता से सम्बंधित विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जा रही है। उक्त अभियान के अंतर्गत प्रदेश के समस्त जिलों में साफ-सफाई एवं मच्छर जनित परिस्थितियों के उत्पन्न न होने के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश तथा नियंत्रण गतिविधियाँ सम्बंधित निर्देश जारी किये गए है।
कार्यक्रम अधिकारी जायसवार ने बताया कि प्रदेश के 15 जिलो में वालंटियर मॉडल शुरू किया गया है जिससे वालंटियर के माध्यम से लार्वा सर्वे, गृह भ्रमण एवं जागरूकता जारी है, यह मोडल बालाघाट जिले से प्रारंभ किया है जिसे विभाग द्वारा एक ड्रेस कोड भी दिया गया है, वालंटियर को मानसून के दौरान मच्छर जनित बीमारियों के फैलने का मुकाबला करने के लिए तैयार किया गया है। इसके अलावा क्षेत्रीय स्तर के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया, सार्वजनिक प्रयास लोगों को स्वस्थ् बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। किसी भी बीमारी को नियंत्रित करने के लिए सक्रिय रोकथाम महत्वपूर्ण है और मध्य प्रदेश में जागरूकता अभियान नागरिकों को मलेरिया और डेंगू की रोकथाम के बारे में शिक्षित करने में आवश्यक भूमिका निभा रहा है।
आमजन के सहयोग एवं अन्तर्विभागीय समन्वय से साथ मिलकर हम निश्चित रूप से डेंगू नियनत्रण में अहम् भूमिका निभाएंगे। साथ ही लोगों से अपील है कि घर के अन्दर मच्छर रोधी साधन अपनाये, सोते समय मच्छरदानी लगाये, घर में दरवाजो एवं खिडकियों में मच्छररोधी जाली अवश्य लगवाए जिससे कि मच्छर घर के अन्दर प्रवेश न कर सके, फुल आस्तीन के कपडे पहने जिससे कि दिन के समय मच्छर से सुरक्षा हो सके, बच्चे घर से निकलते समय फुल आस्तीन के कपडे अवश्य पहन कर निकले. घर के अन्दर एवं बाहर पानी जमा नहीं होने दे, कूलर, मनी प्लांट, टूटे फूटे वर्तनो को साफ रखे पानी नियमित रूप से हर सात दिन में बदले, बुखार आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सक का परामर्श जरुर ले।
(Udaipur Kiran) तोमर
