
गाजा पट्टी/तेल अवीव, 28 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । आतंकवादी समूह हमास ने सोमवार रात एक बंधक का शव (अवशेष) रेडक्रॉस को सौंप दिया। इसके बाद रेडक्रॉस अधिकारियों बंधक के ताबूत को इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) के अधिकारियों के पास पहुंचाया। इजराइल की पुलिस इसे पहचान के लिए तेल अवीव स्थित अबू कबीर फॉरेंसिक संस्थान पहुंचाएगी।
द टाइम्स ऑफ इजराइल अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, हमास ने कहा कि उसने सोमवार रात एक बंधक के अवशेष रेडक्रॉस को सौंप दिए। हमास ने
अमेरिका और इजराइल की चेतावनी के बाद बंधकों के शव तेजी से खोज रहा है। अगर इस शव की पहचान बंधक के रूप में होती है तो गाजा में मृत बंधकं की संख्या घटकर 12 रह जाएगी। इजराइल का कहना है कि आतंकवादी समूह 10 अक्टूबर से लागू युद्धविराम की शर्तों का पालन करने में आनाकानी कर रहा है।
इस समझौते के तहत हमास को 72 घंटों के भीतर सभी जीवित और मृत 48 बंधकों के शव वापस करने थे। हमास ने सभी 20 जीवित बंधकों को सौंप दिया है, लेकिन गाजा में मौजूद 28 में से केवल चार शव ही निर्धारित समय सीमा के भीतर वापस किए गए। हमास ने बयान में कहा कि उसने सोमवार को दिन में एक बंधक के शव के अवशेष खोजे। हमास ने सिर्फ इतनी ही जानकारी दी, जबकि अल जजीरा टीवी चैनल ने बताया कि शव उत्तरी पट्टी में गाजा शहर के तुफ्फाह इलाके में खोज अभियान के मिला
चैनल 13 की रिपोर्ट के अनुसार, इजराइली खुफिया एजेंसियों का मानना है कि हमास गाजा में छुपा कर रखे गए 13 मारे गए बंधकों में से 10 के अवशेष ढूंढ सकता है। इनमें कर्नल आसफ हमामी और लेफ्टिनेंट हदर गोल्डिन शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इजराइल का मानना है कि हमास जानबूझकर दोनों के शवों को रोक रहा है, क्योंकि शहीद सैनिक इजराइल में बहादुरी के प्रतीक बन गए हैं।
हमास के प्रवक्ता हजम कासिम ने कहा, इजराइल का यह दावा झूठा है कि हमास को यह पता है कि शव कहां हैं। इस पर आईडीएफ चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल इयाल जमीर ने सोमवार को कहा कि युद्ध तब तक समाप्त नहीं होगा जब तक गाजा में बंधक बनाए गए अंतिम मृत बंधकों को घर नहीं लाया जाता। बंधकों और लापता परिवारों के फोरम ने सोमवार को मांग की कि अमेरिका की मध्यस्थता वाली गाजा शांति योजना के अगले कदमों को तब तक के लिए रोक दिया जाए जब तक कि हमास शेष शव वापस नहीं कर देता।
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद