
गुवाहाटी, 19 जून (Udaipur Kiran) । असम ने मातृत्व मृत्यु दर (एमएमआर) में देश की सबसे तीव्र गिरावट दर्ज की है। 2006 में जहां यह आंकड़ा 480 था। वह घटाकर 2022 में 125 रह गई है। यह राज्य के स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में एक क्रांतिकारी परिवर्तन माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने इस उपलब्धि को एक ऐतिहासिक मील का पत्थर करार दिया। उन्होंने इसका श्रेय राजनीतिक इच्छाशक्ति, सुदृढ़ स्वास्थ्य ढांचे और अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्यकर्मियों के अथक प्रयासों को दिया। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को दिसपुर स्थित लोक सेवा भवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ये बातें कही।
उन्होंने कहा, यह परिवर्तन मातृ और शिशु स्वास्थ्य के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है। एक यात्रा जिसका मैं पहले स्वास्थ्य मंत्री और अब मुख्यमंत्री के रूप में स्वयं हिस्सा रहा हूं। हर एक आंकड़ा एक जान बचने की कहानी कहता है, एक मां जो अपने परिवार में सुरक्षित लौटी, और एक भविष्य जो संवर गया।
मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि पर व्यक्तिगत संतोष जताते हुए असम के डॉक्टरों, नर्सों, आशा कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा, आपकी समर्पित सेवा के बिना यह संभव नहीं हो पाता।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि मातृत्व मृत्यु दर किसी राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता का महत्वपूर्ण संकेतक है। कभी इस मोर्चे पर देश के सबसे पीछे रहने वाले राज्यों में शामिल असम अब निरंतर और सार्थक प्रगति की ओर अग्रसर है।
राज्य सरकार संस्थागत प्रसव, गर्भवती महिलाओं को पोषण सहायता, प्रसवपूर्व देखभाल और आपातकालीन प्रसूति सेवाओं की सुविधा, विशेषकर दूरदराज के इलाकों में लक्षित उपायों को लगातार लागू कर रही है। हालिया आंकड़े इन पहलों की सफलता की पुष्टि करते हैं और असम को इस क्षेत्र में मातृ स्वास्थ्य सुधार के मॉडल के रूप में स्थापित करते हैं।
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(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
