
सोलन, 09 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । बघाट अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अचानक की गई सख्ती से उपभोक्ताओं में हड़कंप मच गया है। बुधवार को आरबीआई ने बैंक की वित्तीय स्थिति को देखते हुए खाताधारकों के लिए निकासी सीमा ₹10,000 निर्धारित कर दी है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब त्योहारी सीजन अपने चरम पर है, जिससे आम उपभोक्ताओं को नकदी की भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बैंक की वर्तमान स्थिति को लेकर यह कार्रवाई की गई है। जानकारी के अनुसार बैंक की खराब वित्तीय स्थिति का मुख्य कारण अति लोन वितरण और समय पर उसकी वसूली न होना है। वर्ष 2021 से ही बैंक पर नए ऋण जारी करने पर रोक लगाई गई थी। वर्तमान में केवल सीमित लेनदेन की अनुमति है।
प्रदेशभर में बैंक की 10 शाखाएं और एक एक्सटेंशन काउंटर हैं, जो सोलन, शिमला, नाहन, ऊना, कांगड़ा जैसे शहरों में स्थित हैं। बैंक में लगभग 80,000 जमाकर्ता और 2,095 ऋणधारक हैं। रोज़ाना करोड़ों रुपये का लेनदेन किया जाता रहा है।
बैंक के चेयरमैन अरुण शर्मा ने बताया कि आरबीआई के निर्देश के अनुसार प्रति खाताधारक निकासी की सीमा ₹10,000 तय की गई है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया कि यह सीमा प्रतिदिन है या प्रतिमाह। यह प्रतिबंध आगामी छह माह तक लागू रहेगा।
अरुण शर्मा ने बैंक के एनपीए (गैर-निष्पादित संपत्ति) की जानकारी देते हुए बताया कि मार्च 2022 में जहां एनपीए ₹322 करोड़ था, वहीं अब यह घटकर ₹138 करोड़ रह गया है। बैंक द्वारा ₹184 करोड़ की वसूली की जा चुकी है। बैंक की तरल संपत्ति ₹236 करोड़ है और नियामकीय आवश्यकताओं से अधिक तरलता बनाए रखी गई है।
चेयरमैन अरुण शर्मा ने भरोसा जताया कि जल्द ही इन सभी मुद्दों का समाधान मिलेगा और ग्राहकों को राहत दी जाएगी। उन्होंने अपील की कि जमाकर्ता घबराएं नहीं, बैंक में उनका पैसा सुरक्षित है और यह कदम सिर्फ बैंक की स्थिति को और मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
(Udaipur Kiran) / संदीप शर्मा
