Uttar Pradesh

विश्व प्रसिद्ध रामनगर की रामलीला में रावण का जन्म, कठोर तप से ब्रम्हाजी हुए प्रसन्न

रामलीला में जुटे लीला प्रेमी
रामलीला में जुटे लीला प्रेमी

—महताबी रोशनी में रामलीला स्थल पर त्रेतायुग का नजारा,क्षीरसागर की झांकी सजी

—पूरे राजसी ठाट से बग्गी पर निकली काशीराज परिवार की शाही सवारी

वाराणसी,06 सितम्बर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के वाराणसी के उपनगर रामनगर में शनिवार से विश्वप्रसिद्ध रामलीला की शुरूआत रावण के जन्म से शुरू हुई। परम्परा अनुसार अनंत चतुर्दशी के दिन काशी राज परिवार के उत्तराधिकारी महाराज डॉ अनंत नारायण सिंह की मौजूदगी में रामबाग के मुख्य द्वार के पास रावण के जन्म की लीला का मंचन हुआ। राम चरित मानस की चौपाइयों के बीच रावण यज्ञ करता है। रावण के कठोर तप से प्रसन्न होकर भगवान ब्रह्मा जी उससे वर मांगने को कहते है।

रावण कहता है प्रभु ऐसा वर दे कि मनुष्य और वानर के सिवा कोई भी मुझे मार न सके। ब्रह्मा जी के तथास्तु कहते ही कुंभकर्ण ने भी छह महीना सोने और एक दिन जागने का वर मांगा। रामलीला के प्रसंग में भगवान ब्रम्हा जी लंकनी से कहते हैं कि राक्षस रावण लंबे समय तक राज करेगा लेकिन एक समय ऐसा भी आयेगा जब एक वानर एक मुक्का मार कर तुम्हें बेहाल कर देगा। तब तुम समझना कि रावण का अंत नजदीक है। उधर,वरदान पाकर मदमस्त रावण देवलोक पर चढ़ाई कर देता है। देवलोक में रावण कुबेर पर्वत पर चढ़ कर उनका पुष्पक विमान छीन लेता है। रावण के पराक्रम और अत्याचार से घबरा कर देवराज इंद्र देवताओं को लेकर बैकुंठ चले गए। रावण और उसकी सेना के आतंक से धरती पर भी हाहाकार मच जाता है।

रामलीला में गाय का रूप धारण कर पृथ्वी भगवान ब्रह्मा जी के पास जाती है और रावण के अत्याचार की दुहाई देती है। रामलीला के दूसरे चरण में क्षीर सागर की भव्य झांकी देख हजारों श्रद्धालु निहाल हो गए। इसके पहले लीला प्रेमी अपरान्ह बाद से ही रामलीला स्थल पर पहुंचने लगे। इसके बाद निर्धारित समय पर काशीराज परिवार के उत्तराधिकारी डॉ अनंत नारायण सिंह की शाही सवारी पूरे राजसी ठाट के साथ घोड़ों वाली बग्गी निकली। राज परिवार के अन्य सदस्य भी उस पर सवार रहे। महाराज को देख लीला प्रेमियों ने हर—हर महादेव का उद्घोष कर गर्मजोशी से स्वागत किया। महाराज शाही बग्गी से रामबाग लीला स्थल पर पहुंचे तो 36वीं वाहिनी पीएसी के सशस्त्र जवानों ने प्लाटून कमांडर के अगुवाई में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद रामबाग के मुख्य द्वार के पास महाराज अनंत नारायण सिंह हाथी पर बैठे तो रामलीला शुरू हुई। इस दौरान हर —हर महादेव और जय श्री राम के उद्घोष रामलीला स्थल गुंजायमान रहा। पंचलाइट और महताबी रोशनी में रामलीला स्थल पर त्रेतायुग का नजारा दिखा। यूनेस्‍को के हेर‍िटेज यानी धरोहर में शाम‍िल व‍िश्‍व प्रस‍िद्ध रामनगर की रामलीला देखने के लिए लोग लालायित दिखे।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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