
जैसलमेर, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । दीवाली का त्योहारी माहौल शुरू होते ही जैसलमेर आने-जाने वाली फ्लाइट्स का किराया आसमान छूने लगा है। रेगिस्तान के इस पर्यटन शहर की फ्लाइट दरें हर गुजरते दिन के साथ तेजी से बढ़ रही हैं।
दिल्ली से जैसलमेर के बीच उड़ान भरने वाली इंडिगो एयरलाइन्स की फ्लाइट, जो 1 अक्टूबर से शुरू हुई थी, उसका शुरुआती किराया लगभग 8 हजार रुपये था। लेकिन अब वही टिकट 19 से 20 हजार रुपये में मिल रही है। यानी कुछ ही दिनों में किराए में ढाई गुना तक का उछाल आ गया है।
भाटिया हॉलीडेज के टूर ऑपरेटर अखिल भाटिया का कहना है कि यह स्थिति हर साल त्योहार और पर्यटन सीजन में देखने को मिलती है। जैसलमेर देश और विदेश के सैलानियों के लिए एक आकर्षक गंतव्य है। दीपावली से लेकर नए साल तक यहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। यही वजह है कि एयरलाइन्स कंपनियां “सीजनल डिमांड” के तहत किराए में बढ़ोतरी कर देती हैं। भाटिया बताते हैं, “यह हर साल का सिलसिला है। जैसे ही पर्यटन सीजन और त्योहारी समय शुरू होता है, एयरलाइन्स अपने किराए बढ़ा देती हैं। यह यात्रियों के लिए थोड़ी परेशानी जरूर पैदा करता है, लेकिन एयरलाइन्स कंपनियां इसे डिमांड-सप्लाई के आधार पर सही ठहराती हैं।”
अखिल भाटिया ने बताया कि फिलहाल जैसलमेर आने वाले सैलानियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। टूर पैकेजों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। पैसेंजर लोड ज्यादा होने के कारण एयरलाइन्स ने टिकट के दाम बढ़ा दिए हैं। भाटिया का कहना है कि जैसे ही सीजन थोड़ा शांत होगा और यात्रियों की संख्या घटेगी, किराया अपने सामान्य स्तर पर लौट आएगा। टूर ऑपरेटरों का यह भी मानना है कि एयरलाइन्स कंपनियां “डायनामिक प्राइसिंग सिस्टम” पर काम करती हैं। इस सिस्टम के तहत किराया किसी तय दर पर नहीं होता, बल्कि यात्रियों की संख्या, बुकिंग की तारीख, डिमांड और सीजन के अनुसार बदलता रहता है। जब बुकिंग ज्यादा होती है या सीटें सीमित रह जाती हैं, तो कंपनियां स्वचालित रूप से किराया बढ़ा देती हैं। वहीं, ऑफ-सीजन या कम बुकिंग के दौरान किराए घटा दिए जाते हैं।
पर्यटन से जुड़े मयंक भाटिया का कहना है कि अक्टूबर से फरवरी तक जैसलमेर का मुख्य पर्यटन सीजन रहता है। इसी दौरान देशभर से लोग यहां की रेत के समंदर, ऐतिहासिक किले और हवेलियों को देखने आते हैं। साथ ही, दीवाली, क्रिसमस और न्यू ईयर जैसे त्योहारों पर होटल, टैक्सी और फ्लाइट सबकी मांग बढ़ जाती है। ऐसे में भले ही यात्रियों के लिए बढ़ा हुआ हवाई किराया परेशानी का कारण बने, लेकिन पर्यटन के दृष्टिकोण से यह समय शहर की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। बढ़ती आवाजाही से होटल, रेस्तरां, हैंडीक्राफ्ट, ट्रांसपोर्ट और अन्य सेवाओं को फायदा पहुंचता है। लेकिन फ्लाइट का किराया बढ़ाना दुखद है, क्योंकि बजट वाले लोग जो हैं और समय भी बचाना चाहते हैं उनके लिए बड़ी परेशानी है और वे आ नहीं पाते जिससे छोटी होटल वालों को भी नुकसान उठाना पड़ता है।
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(Udaipur Kiran) / चन्द्रशेखर
