Assam

पूसीरे परिक्षेत्र में तेजी से हो रहा रेलवे का विकास

असम: माजबाट रेलवे स्टेशन

गुवाहाटी, 23 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । असम के बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र जिलों (बीटीएडी) में कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचा और आर्थिक विकास को मजबूत करने के लिए पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पूसीरे) कई परिवर्तनकारी रेल विकास परियोजनाएं चला रहा है। इन पहलों का उद्देश्य क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना, रोजगार सृजन करना और विकसित भारत के विजन के तहत बीटीएडी को राष्ट्रीय रेल नेटवर्क के साथ और अधिक मजबूती से जोड़ना है।

पूसीरे के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने गुरुवार काे कहा कि इनमें से एक प्रमुख परियोजना कोकराझार जिले के बासबाड़ी में प्रस्तावित वैगन पीरियोडिक ओवरहालिंग (पीओएच) कारखाना है। हाल ही में, पूसीरे के महाप्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव ने वरिष्ठ अधिकारियों और बीटीएडी के प्रतिनिधियों के साथ प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया। 256.35 करोड़ (पहला चरण) की लागत से लगभग 2,500 बीघा में विकसित की जाने वाली यह आधुनिक सुविधाओं वाले कारखाना में शुरुआती तौर पर प्रति माह 75 वैगनों की हैंडलिंग की जाएगी, जिसे बाद के चरणों में बढ़ाकर 250 वैगन प्रति माह किया जाएगा। रणनीतिक रूप से बासबाड़ी रेलवे स्टेशन और रूपसी हवाई अड्डा के निकट बनने वाला यह कारखाना एक प्रमुख लॉजिस्टिक्स केंद्र के रूप में काम करेगा, जो स्थानीय युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार और कौशल विकास के अवसर उत्पन्न करेगा और साथ ही पूसीरे की वैगन रखरखाव क्षमता को बढ़ाएगा।

इसके अलावा, कोकराझार-गेलेफू नई रेलवे लाइन परियोजना को भारत सरकार ने एक विशेष रेल परियोजना के रूप में घोषित किया है, जो 69 किलोमीटर लंबी भारत-भूटान सीमा पार कनेक्टिविटी पहल है। इस प्रस्तावित परियोजना का नेतृत्व पूसीरे कर रहा है। 4,033 करोड़ की अनुमानित लागत वाली यह रेल लाइन असम के कोकराझार को भूटान के गेलेफू से जोड़ेगी, जिससे नेबरहुड फर्स्ट और एक्ट ईस्ट पॉलिसियों के तहत व्यापार, पर्यटन और क्षेत्रीय सहयोग के नए रास्ते खुलेंगे। इस परियोजना से बीटीएडी क्षेत्र को काफी लाभ होगा और कोकराझार भारत-भूटान रेल एवं लॉजिस्टिक संचालन के लिए एक प्रमुख प्रवेश द्वार बन जाएगा।

अमृत ​​भारत स्टेशन योजना (एबीएसएस) के अंतर्गत, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने कोकराझार, गोसाईगांव हाट, फकीराग्राम, उदालगुड़ी, टांगला और माजबाट सहित महत्वपूर्ण बीटीएडी स्टेशनों पर आधुनिकीकरण कार्य भी शुरू किया है। इन कार्यों में यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए स्टेशन भवनों का पुनर्विकास, बेहतर यात्री सुविधाएं, बेहतर सर्कुलेशन क्षेत्र और आधुनिक अग्रभाग का निर्माण करना शामिल हैं।

बीटीएडी स्थित कई स्टेशन अब पहले से कहीं बेहतर तरीके से जुड़ गए हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस और राजधानी एक्सप्रेस जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनें नियमित रूप से कोकराझार स्टेशन पर ठहरती हैं, जिससे बोडोलैंड क्षेत्र के यात्रियों के लिए देश भर के प्रमुख शहरों से तेज, आरामदायक और बेहतरीन कनेक्टिविटी सुनिश्चित होती है।

इसके अलावा, गोसाईगांव हाट, फकीराग्राम, बासुगांव, बिजनी, टांगला, उदालगुड़ी और माजबाट सहित प्रमुख बीटीएडी स्टेशनों पर एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों के कई नए ठहराव शुरू किए गए हैं, जिससे यात्रियों की यात्रा सुविधा में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और रेल पहुंच में वृद्धि हुई है। बिजलीकरण, दोहरीकरण और बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण की तीव्र प्रगति के साथ, पूसीरे सुरक्षित, सुदृढ़ और समावेशी रेल विकास के माध्यम से असम के बीटीएडी क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन को गति देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है।

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(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय

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