
मेंढर, 02 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । जल शक्ति, वन पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण तथा जनजातीय मामलों के मंत्री जावेद अहमद राणा ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ग्रामीण विकास विभाग द्वारा शुरू की गई प्रमुख विकास पहलों की प्रगति का आकलन करने के लिए एक व्यापक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें बालाकोट और मनकोट ब्लॉकों पर विशेष ध्यान दिया गया।
मेंढर में आयोजित इस बैठक में सहायक आयुक्त विकास शकील ए मलिक, सहायक आयुक्त पंचायत, संबंधित ब्लॉकों के खंड विकास अधिकारी और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। समीक्षा के दौरान मंत्री ने ग्रामीण परिवर्तन को गति देने में ग्रामीण विकास विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और इस बात पर जोर दिया कि सभी विकास प्रयासों को स्थानीय समुदायों की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के अनुरूप होना चाहिए। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई कि योजनाओं को समय पर पारदर्शी और जन-केंद्रित तरीके से लागू किया जाए, तथा प्रत्येक स्तर पर विभागों के बीच बेहतर तालमेल और सक्रिय सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित की जाए। वार्षिक कार्य योजना का जायजा लेते हुए मंत्री ने क्षेत्र विकास योजना, पंचायती राज अनुदान, सामुदायिक विकास पंचायत निधि, जनजातीय उप-योजना, जिला पूंजीगत व्यय और जीवंत ग्राम कार्यक्रम सहित प्रमुख वित्त पोषण घटकों के अंतर्गत भौतिक उपलब्धियों और वित्तीय व्यय के बीच के अंतर को पाटने की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और मनरेगा जैसी प्रमुख योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए, मंत्री ने खंड विकास अधिकारियों को परियोजनाओं की जिम्मेदारी लेने और अनुमोदित ब्लॉक-वार योजनाओं के अनुसार कार्यों के निष्पादन में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने मनरेगा के तहत मजदूरी के समय पर वितरण पर जोर दिया और ग्रामीण आबादी के लिए आजीविका के अवसरों को बढ़ाने के लिए सृजित कार्यदिवसों की संख्या बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने अधिकारियों से मजदूरी भुगतान में देरी को दूर करने और सभी लंबित बकाया राशि का एक निश्चित समय-सीमा के भीतर भुगतान करने का भी आग्रह किया। पीएमएवाई-जी (आवास प्लस) के संबंध में, राणा ने अधिकारियों को आवास निर्माण की प्रगति की बारीकी से निगरानी करने और नई स्वीकृतियों का मूल्यांकन करने का निर्देश दिया। उन्होंने आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया और क्षति आकलन सर्वेक्षणों में तेजी लाने और सहायता के लिए विस्तृत प्रस्ताव जल्द से जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया
