मेंढर, 18 अगस्त हि.स.। हाल ही में हुई लगातार बारिश और उसके बाद हुए भूस्खलन से जिले भर में हुए व्यापक नुकसान के मद्देनजर, जल शक्ति, वन, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण और जनजातीय मामलों के मंत्री जावेद अहमद राणा ने आज मेंढर के डाक बंगले में एक समीक्षा बैठक बुलाई।
बैठक में उप-मंडल अधिकारियों और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों की वर्तमान स्थिति पर विस्तृत जमीनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
विचार-विमर्श के दौरान मंत्री को व्यापक विनाश के बारे में जानकारी दी गई जिसमें आवासीय संरचनाओं, सड़क नेटवर्क और सार्वजनिक उपयोगिताओं को हुए नुकसान से लेकर भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों में परिवारों के विस्थापन तक शामिल थे।
एक व्यापक समीक्षा के बाद मंत्री ने सभी संबंधित विभागों द्वारा त्वरित समन्वित और प्रभावी प्रतिक्रिया उपायों को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कई निर्देश जारी किए।
उन्होंने राजस्व और संबंधित विभागों को तुरंत नुकसान का गहन आकलन शुरू करने का निर्देश दिया जिसमें जान-माल, पशुधन और खड़ी फसलों के नुकसान पर विशेष ध्यान दिया गया।
उन्होंने समय पर राहत और मुआवज़ा उपलब्ध कराने के लिए आकलन को सटीकता और तत्परता के साथ पूरा करने की आवश्यकता पर बल दिया।
ग्रामीण विकास विभाग बाढ़ नियंत्रण विभाग और वन विभाग को संवेदनशील क्षेत्रों में संयुक्त रूप से सुरक्षा और शमन उपाय करने का निर्देश दिया गया।
इनमें ढलानों का स्थिरीकरण सुरक्षात्मक दीवारों का निर्माण मलबा हटाना और जीवन और बुनियादी ढाँचे को और अधिक खतरों से बचाने के लिए कटाव नियंत्रण शामिल हैं।
विस्थापित परिवारों के सामने आने वाली गंभीर कठिनाइयों को स्वीकार करते हुए मंत्री ने आपदा राहत दिशानिर्देशों के अनुसार तत्काल अस्थायी पुनर्वास और वित्तीय सहायता के महत्व पर बल दिया।
उन्होंने राजस्व अधिकारियों को सभी प्रभावित परिवारों की पहचान करने और अंतरिम मुआवज़ा तथा अस्थायी आवास का शीघ्र प्रावधान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
तत्कालिक कष्टों को कम करने के लिए मंत्री ने भोजन, स्वच्छ पेयजल, दवाइयाँ, कंबल और अन्य बुनियादी ज़रूरतों सहित आवश्यक राहत सामग्री के समान वितरण का आदेश दिया।
उन्होंने राहत प्रयासों को मज़बूत करने के लिए नागरिक प्रशासन, आपदा प्रबंधन अधिकारियों और स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों के बीच बेहतर समन्वय का आह्वान किया।
(Udaipur Kiran) / राधा पंडिता
