
—रामलीला क्षेत्र की सड़क, सफाई और बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग
वाराणसी, 25 सितंबर (Udaipur Kiran News) । उत्तर प्रदेश के वाराणसी (काशी )की सांस्कृतिक पहचान और ऐतिहासिक विरासत का प्रतीक, नाटी इमली का विश्वप्रसिद्ध भरत मिलाप रामलीला इस वर्ष तीन अक्टूबर को परंपरागत भव्यता के साथ आयोजित होगा। यह भरत मिलाप का 482वां संस्करण होगा, जिसे लेकर श्री चित्रकूट रामलीला समिति ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। गुरूवार को समिति के व्यवस्थापक पं. मुकुंद उपाध्याय और मंत्री मोहन कृष्ण अग्रवाल ने यह जानकारी पत्रकारों को दी।
उन्होंने बताया कि भरत मिलाप की शुरुआत तीन अक्टूबर को अपराह्न 3:15 बजे धूपचंडी स्थित रामलीला मैदान में पुष्पक विमान की पूजा से होगी। इसके बाद 3:45 बजे राम, लक्ष्मण और सीता, सेना प्रमुखों के साथ पुष्पक विमान पर सवार होकर नाटी इमली के लिए प्रस्थान करेंगे।
सायं 4:00 बजे नाटी इमली मैदान में विमान का आगमन होगा। इसी दौरान बड़ागणेश स्थित अयोध्या भवन से भरत और शत्रुघ्न अयोध्यावासियों के साथ रवाना होंगे। वहीं, लोहटिया से काशी नरेश के उत्तराधिकारी महाराज अनन्त नारायण सिंह हाथी पर सवार होकर पारंपरिक जुलूस में शामिल होंगे। भरत मिलाप की मुख्य लीला 4:40 बजे शुरू होगी, जिसमें राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न का ऐतिहासिक मिलन होगा। 4:50 बजे भरत मिलाप की लीला संपन्न होगी और शाम 5:00 बजे पुष्पक विमान वापस अयोध्या (बड़ागणेश) के लिए रवाना होगा। संपूर्ण कार्यक्रम का समापन सायं 7:00 बजे आरती के साथ होगा।
—आयोजन की राह में अड़चनें, समिति ने उठाई व्यवस्था सुधारने की मांग
श्री चित्रकूट रामलीला समिति ने बताया कि रामलीला की लीला वाराणसी के पूर्व निर्धारित स्थलों पर लगभग सात किलोमीटर के दायरे में पारंपरिक ढंग से होती है। यह आयोजन न सिर्फ स्थानीय बल्कि देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए आस्था और भावनाओं का केंद्र होता है। हर वर्ष करीब चार लाख लोग इस ऐतिहासिक लीला का दर्शन करते हैं। समिति ने चिंता जताई है कि शासन और प्रशासन की उदासीनता के कारण लीला क्षेत्र की सड़कों की हालत जर्जर है, जिससे श्रद्धालुओं और कलाकारों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। विशेषकर यादव समाज के सदस्य, जो पुष्पक विमान को कंधे पर लेकर चलते हैं, उन्हें खस्ताहाल सड़कों पर नंगे पांव चलना पड़ता है। समिति ने नगर आयुक्त, जिलाधिकारी, मण्डलायुक्त और पुलिस प्रशासन सहित संबंधित विभागों को एक पखवाड़ा पूर्व ज्ञापन देकर मांग किया है कि रामलीला मार्ग से अतिक्रमण हटाया जाए,यातायात व्यवस्था नियंत्रित की जाए,सड़क की मरम्मत की जाए, साफ-सफाई और बिजली की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। समिति ने अपील की है कि इस विरासत को सुरक्षित और सुव्यवस्थित रखने के लिए शासन और प्रशासन गंभीरता से कार्य करें, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इस ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से रूबरू हो सके।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
