
हरिद्वार, 1 सितंबर (Udaipur Kiran) । भूतपर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) हेतु भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग तथा पतंजलि योगग्राम के मध्य ऐतिहासिक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए, जिसके तहत भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिजनों का निःशुल्क उपचार अब पतंजलि में हो सकेगा।
इस अनुबंध के तहत भूतपूर्व सैनिक और उनके परिजनों पर योग, आयुर्वेद और नेचरोपैथी में होने वाले उपचार खर्च की कोई सीमा नहीं होगी। वे निःशुल्क उपचार करा सकेंगे। इससे करीब 60 लाख भूतपूर्व सैनिक और परिवार लाभान्वित होंगे। भारतीय सेना के विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित और उत्तराखंड सब एरिया (जेओसी) के मेजर जनरल एमपीएस गिल और स्वामी रामदेव ने एमओयू पर हस्ताक्षर के उपरांत फाइलों का आदान-प्रदान किया।
इस अवसर पर पतंजलि विश्वविद्यालय स्थित मिनी ऑडिटोरियम में कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए स्वामी रामदेव ने कहा कि सेना और संत एक तरह से देश की सेवा अपने-अपने तरीके से करते हैं। पतंजलि को सेना की सेवा का सौभाग्य मिला इसके लिए उन्होंने भारतीय सेना का आभार जताया। उन्होंने मेजर जनरल श्री गिल से अनुरोध किया कि जो अनुबंध सेना और पतंजलि में भूतपूर्व सैनिकों के उपचार के लिए किया गया है, उसे वर्तमान सैनिकों तक लेकर आना चाहिए। जिस पर जनरल ने सकारात्मक जवाब दिया।
स्वामी रामदेव ने कहा कि दुनिया के कुछ देश को छोड़ दें तो पतंजलि दुनिया में एकमात्र ऐसी जगह है, जहां 3000 से अधिक मरीजों की भर्ती होती है। भविष्य में इसे बढ़ाकर 5000 करने का लक्ष्य है। हम जल्द ही मार्डन मेडिकल में भी सर्जरी करने जा रहे हैं। कहा कि योग की विभिन्न विधाओं और आयुर्वेद की ताकत से कैंसर, बीपी, स्पाइन, मधुमेह, हार्ट ब्लॉक और कई तरह के क्रिटिकल बीमारियों को ठीक किया जा चुका है।
इसके हजारों प्रमाण पतंजलि के पास हैं। उन्होंने बताया कि योग और आयुर्वेद शरीर को ताकत देते हैं जबकि नेचुरोपैथी से शुद्धिकरण किया जाता है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विशिष्ट सेवा मेडल मेजर जनरल एमपीएस गिल ने अनुबंध ने कहा कि पतंजलि और सेना के बीच इस अनुबंध को होने में काफी समय लगा, लेकिन आगे वर्तमान सैनिकों को जोड़ने की प्रक्रिया पर भी सेना तेजी से काम करेगी। इस अनुबंध से 60 लाख पूर्व सैनिक सीधे लाभान्वित होंगे।
पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि हमेशा से नवाचार में विश्वास करता है। उन्होंने कहा कि स्वामी रामदेव के दिशा निर्देशन में पतंजलि योगपीठ योग, आयुर्वेद और नेचुरोपैथी में अभूतपूर्व कार्य कर रहा है। कहा कि आयुर्वेद को परंपरागत चिकित्सा कहा जाता है, लेकिन यह तो जीवन का अंग है। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि सभी भूतपूर्व सैनिकों को पतंजलि स्वदेशी समृद्धि कार्ड निःशुल्क दिया जाएगा, जिसके तहत 10 लाख का दुर्घटना बीमा है।
क्षेत्रीय निदेशक, ईसीएचएस देहरादून कर्नल जितेन्द्र कुमार और योगग्राम के सेवा प्रमुख स्वामी आर्यदेव ने अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर किए।
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
