Haryana

हिसार : आर्द्रा नक्षत्र पर तिरुपति धाम में निकली रामानुज स्वामी की सवारी शोभा यात्रा

तिरुपति धाम में रामानुज स्वामी की सवारी शोभा यात्रा का दृश्य।

रामानुज स्वामी की शोभा यात्रा में उमड़े श्रद्धालु, रथ को रस्सों से खींचकर की धाम की परिक्रमाहिसार, 27 जून (Udaipur Kiran) । आर्द्रा नक्षत्र के पावन अवसर पर श्री तिरुपति बालाजी धाम में रामानुज स्वामी का तिरुमंजन विधि विधान से किया गया। इस दौरान विधिपूर्वक पूजा व अर्चना की गई और रथ में स्थापित पालकी में सायंकाल रामानुज स्वामी के विग्रह को पूरी श्रद्धा के साथ विराजमान किया गया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने पूरी निष्ठा के साथ रामानुज स्वामी की आराधना की और रथ को रस्सों से खींचकर धाम की परिक्रमा की। परिक्रमा करते हुए पूरा धाम जय तिरुपति बालाजी, जय भगवान वेंकटेश और रामानुज स्वामी की जय से गूंज उठा। परिक्रमा के उपरांत सभी श्रद्धालुओं में सात्विक गोष्ठी प्रसाद का वितरण किया गया।अग्रोहा रोड पर लांदड़ी टोल प्लाजा के पास स्थापित तिरुपति धाम में भगवान श्री वेंकटेश जी, माता पदमावती जी और माता गोदांबा जी के मुख्य मंदिर स्थापित किए गए हैं। धाम में ही रामानुज स्वामी का मंदिर भी शोभायमान है। दक्षिण भारतीय शैली में निर्मित इन मंदिरों के प्रति श्रद्धालुओं की गहरी आस्था है। उल्लेखनीय है कि संत रामानुज स्वामी भगवान विष्णु के अनन्य उपासक रहे हैं। भक्ति मार्ग को अपनाकर उन्होंने समाज को नई दिशा दिखाई। रामानुज स्वामी ने एक दार्शनिक व विचारक के रूप में भी समाज के लिए काफी कार्य किया। दरअसल रामानुजाचार्य के रूप में प्रसिद्ध रामानुज स्वामी ने लोकजागरण का आधार भक्ति को ही मान्य किया और भक्ति के प्रचार-प्रसार के लिए व्यापक प्रयास किए। ज्ञान व भक्ति की गंगा बहाते हुए हिन्दू संस्कृति का पुनरुत्थान तथा सामाजिक जागरण का महान कार्य किया।रामानुज स्वामी सवारी शोभा यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं ने तिरुपति धाम में स्थापित श्री वेंकटेश भगवान जी, श्री पद्मावती माता जी, श्री गोदांबा माता जी, श्री गरुड़ जी, श्री लक्ष्मी नृसिंह जी, श्री सुदर्शन जी, श्री रामानुज स्वामी जी, श्री शठकोप स्वामी, श्री वरवर मुनि जी एवं श्री हनुमान जी के मंदिरों के दर्शन किए। इनके साथ ही 42 फुट ऊंचे सोने के श्री गरुड़ स्तंभ, बलिपीठम्, श्री तिरुपति यज्ञशाला, श्री पुष्करणी, विशाल घंटाघर एवं 71 फुट ऊंचे गोपुरम का भी भक्तों ने अवलोकन किया।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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