
जम्मू, 4 सितंबर (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री रमन भल्ला ने आज जम्मू के बाढ़ प्रभावित इलाकों का व्यापक दौरा किया जहाँ उन्होंने निवासियों से बातचीत की और हाल ही में आई बाढ़ से हुए व्यापक नुकसान का आकलन किया। राहत और पुनर्वास प्रयासों की धीमी गति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए भल्ला ने प्रशासन से इस संकट से निपटने के लिए तेज़ी और ज़िम्मेदारी से काम करने की पुरज़ोर अपील की।
अपने दौरे के दौरान भल्ला ने देखा कि बाढ़ के दस दिन से ज़्यादा समय बीत जाने के बाद भी कई इलाकों की गलियों और घरों में मलबा (कीचड़ और मलबा) जमा है। भल्ला ने कहा स्थिति गंभीर बनी हुई है। मलबा साफ़ न होने के कारण निवासियों को सामान्य जीवन फिर से शुरू करने में मुश्किल हो रही है। मशीनरी और मानव संसाधन की भारी कमी है। अधिकारियों को तुरंत संसाधन जुटाने चाहिए, भले ही इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग से भारी मशीनरी हटानी पड़े और संबंधित संगठनों से सहायता लेनी पड़े।
उन्होंने आगे कहा कि नालों में बढ़ता जलस्तर लगातार ख़तरा पैदा कर रहा है, जिसके लिए तत्काल निवारक उपाय ज़रूरी हैं। भल्ला ने उन परिवारों की दुर्दशा पर भी प्रकाश डाला जो अपने स्थानीय श्मशान घाटों में अंतिम संस्कार नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि बाढ़ के कारण कई श्मशान घाट अनुपयोगी हो गए हैं। उन्होंने कहा, यह बेहद दुखद है कि लोगों को दाह संस्कार के लिए दूर-दराज़ के गाँवों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। यह प्रभावित परिवारों के लिए बुनियादी सम्मान सुनिश्चित करने में सरकार की तैयारी की कमी को दर्शाता है।
कांग्रेस नेता ने सड़क संपर्क तत्काल बहाल करने, बाढ़ प्रभावित निचले इलाकों में चिकित्सा दल तैनात करने और तत्काल स्वच्छता अभियान चलाने की माँग की। उन्होंने आगाह करते हुए कहा स्वच्छता, सफाई और जन स्वास्थ्य गंभीर खतरे में हैं। समय पर चिकित्सा सहायता के बिना जलजनित बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है।
भल्ला ने पैक्ड फूड, कपड़े और अन्य आवश्यक वस्तुओं के सीधे वितरण की भी माँग की। उन्होंने कहा ये विलासिता की चीज़ें नहीं बल्कि बुनियादी ज़रूरतें हैं जिनसे लोगों को वंचित रखा जा रहा है। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे कठिन समय में कोई भी परिवार भूखा या बिना सहारे के न रहे।
भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए भल्ला ने जम्मू के स्मार्ट सिटी के दावों का मज़ाक उड़ाया। उन्होंने कहा अगर यह स्मार्ट सिटी है तो असफल सिटी क्या है बाढ़ ने खोखले दावों की पोल खोल दी है। दबाव में बुनियादी ढाँचा ध्वस्त हो गया है जिससे नागरिक परेशान हैं।
तत्काल वित्तीय सहायता की माँग करते हुए, भल्ला ने न केवल प्रभावित परिवारों, बल्कि उन किसानों को भी मुआवज़ा देने पर ज़ोर दिया जिनकी कृषि भूमि तबाह हो गई है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कृषि हमारे क्षेत्र की रीढ़ है। इस त्रासदी में किसान सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं और उचित व समय पर मुआवज़ा पाने के हक़दार हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हालिया दौरे का ज़िक्र करते हुए भल्ला ने इस बात पर निराशा जताई कि बाढ़ प्रभावित इलाकों को राष्ट्रीय आपदा क्षेत्र घोषित नहीं किया गया है। उन्होंने इस अहम मुद्दे पर प्रशासन की चुप्पी पर सवाल उठाया और ज़ोर देकर कहा कि इस तरह की मान्यता से बड़े राहत पैकेज और संस्थागत मदद का रास्ता साफ़ होगा।
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
