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नाबालिग बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर मामले में राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल बरी

राऊज एवेन्यू कोर्ट

नई दिल्ली, 13 अगस्त (Udaipur Kiran) । राऊज एवेन्यू कोर्ट की एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने 2016 में नाबालिग रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने के मामले में राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल और और भूपेंद्र सिंह को बरी कर दिया है। कोर्ट ने 28 अप्रैल को स्वाति मालीवाल और भूपेंद्र सिंह के खिलाफ आरोप तय कर दिया था।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 13 फरवरी को इस मामले में स्वाति मालीवाल के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग खारिज कर दी थी। पहले ये मामला तीस हजारी कोर्ट में चल रहा था। स्वाति मालीवाल के संसद सदस्य होने के नाते तीस हजारी कोर्ट ने 18 मार्च को इस मामले का ट्रायल राऊज एवेन्यू कोर्ट में करने के लिए भेज दिया था।

इस मामले में 2016 में दिल्ली के बुराड़ी थाने की पुलिस ने स्वाति मालीवाल और भूपेंद्र सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 228ए और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 74 और 86 के तहत एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले में 14 वर्षीया रेप पीड़िता और उसकी मां ने अपहरण और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। 5 जनवरी, 2016 को मजिस्ट्रेट के समक्ष अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत पीड़िता ने अपना बयान दर्ज कराया था। मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान में पीड़िता का बयान एफआईआर से अलग था। इस आधार पर रेप के आरोपित को 12 जनवरी 2016 को जमानत मिल गयी थी।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक रेप के आरोपित को जमानत मिलने के बाद स्वाति मालीवाल ने दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि रेप पीड़िता ने डरकर अपना बयान बदल दिया, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। स्वाति मालीवाल का बयान दिल्ली महिला आयोग के तत्कालीन पब्लिक रिलेशंस अफसर भूपेंद्र सिंह ने व्हाट्स ऐप ग्रुप के जरिये सभी न्यूज चैनल्स में प्रसारित कर दिया। व्हाट्स ऐप ग्रुप की सूचना में पीड़िता की पहचान उजागर की गई थी। इसी के आधार पर दिल्ली पुलिस ने स्वाति मालीवाल और भूपेंद्र सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।

(Udaipur Kiran) /संजय

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(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी

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