
मंडी, 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । प्रदेश सरकार की 680 करोड़ एकी राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना मंडी के युवाओं के लिए आत्मनिर्भरता की नई राह लेकर आई है। इस योजना के अंतर्गत मंडी जिला में अनेक युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में अग्रसर किया जा रहा है। इसी कड़ी में जलशक्ति विभाग, मंडी में वर्तमान में तीन ई-टैक्सियां सफलतापूर्वक संचालित की जा रही हैं।
प्रदेश सरकार की इस योजना ने बल्ह उपमंडल के मांडल गांव निवासी देवेंद्र कुमार पुत्र लेख राज की जिंदगी की दिशा ही बदल दी है। कभी दूसरों की गाड़ी चलाकर परिवार का भरण-पोषण करने वाले देवेंद्र अब स्वरोजगार के माध्यम से सफलता की नई कहानी लिख रहे हैं। देवेंद्र कुमार ने बताया कि योजना का लाभ उठाने से पहले वे दूसरों की टैक्सी चलाकर परिवार का खर्च चलाते थे। इससे आय बहुत कम थी और जीवन में स्थायित्व की कमी महसूस कर रहे थे। जब उन्हें प्रदेश सरकार की ई-टैक्सी योजना के बारे में जानकारी मिली, तो उन्होंने वर्ष 2024 में इसके लिए आवेदन किया। इसके बाद उन्हें क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी मंडी से ड्राइविंग टेस्ट के लिए बुलावा आया। पड्डल मैदान, मंडी में आयोजित यह ड्राइविंग टेस्ट उन्होंने सफलतापूर्वक उत्तीर्ण किया। मेरिट सूची में स्थान मिलने के बाद, दिसंबर, 2024 में रोजगार विभाग द्वारा योजना के लाभार्थी के रूप में उनका चयन किया गया।
देवेंद्र ने बताया कि तत्पश्चात पहली जनवरी, 2025 से उन्होंने मंडी जिला के जल शक्ति विभाग के बग्गी कार्यालय में अपनी ई-टैक्सी लेकर सेवाएं देना शुरू कर दीं। देवेंद्र कुमार बताते हैं कि ई-टैक्सी की कुल कीमत 14,49,800 रुपए थी, जिसमें से उन्होंने अपनी जेब से मात्र डेढ़ लाख रुपये नगद योगदान दिया। राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के तहत उन्हें प्रदेश सरकार की ओर से ई–टैक्सी खरीदने के लिए 7 लाख 50 हजार रुपए का नकद उपदान दिया गया। उन्होंने गर्व से कहा कि वर्तमान में अपनी ई-टैक्सी से वे प्रतिमाह लगभग 50 हजार रुपये की शुद्ध आय कमा रहे हैं। इससे बैंक की किस्त प्रतिमाह 12 हजार रुपए समय पर अदा करने के बाद भविष्य के लिए बचत करते हुए परिवार का भरण-पोषण भी बेहतर ढंग से कर पा रहे हैं।
देवेंद्र कहते है कि यह योजना उनके लिए जीवन बदलने वाली साबित हुई है।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा