Madhya Pradesh

राजगढ़ः अच्छे विचारों को आत्मसात करना भी उपवास का हिस्सा-राजयोगी

आत्मसात करना भी उपवास का हिस्सा-राजयोगी

राजगढ़, 23 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । उपवास का अर्थ है ईश्वर के निकट रहना, मन में अच्छे विचारों को धारण करना और बुरे विचारों का त्याग करना भी उपवास का हिस्सा है। यह बात मंगलवार को नवरात्रि महोत्सव के उपलक्ष्य में ब्यावरा की शहीद काॅलोनी स्थित प्रजापिता ब्रहम्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविधालय सेवा केन्द्र पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यअतिथि राजयोगी ब्रहम्माकुमार रोहित भाई ने अपने वक्तव्य में कही।

कार्यक्रम में माउंटआबू से तन मुक्त जीवन शैली और माइंड मैनेजमेंट के वरिष्ठ प्रवक्ता राजयोगी ने कहा कि शारीरिक उपवास ही नही, बल्कि मन में अच्छे विचारों को धारण करना और बुरे विचारों का त्याग करना उपवास का हिस्सा है। कार्यक्रम का शुभारंभ दीपप्रज्वलन के साथ किया गया, जिसके उपरांत मातृशक्तियों ने जिला प्रभारी राजयोगिनी मधु दीदी और सेवाकेन्द्र की संचालिका बीके लक्ष्मी दीदी सहित अन्य ब्रहम्माकुमारी बहनों को लाल चुनरी, तिलक और पुष्पहार से स्वागत किया। इस अवसर पर जिला प्रभारी बीके मधु दीदी ने कहा कि नवरात्रि पर्व शक्तियों के सशक्तिकरण के रुप में मनाया जाता है, इस मौके पर नौ शक्तियों के आध्यात्मिक अर्थ को भी समझाया गया। बीके लक्ष्मी दीदी ने दुर्गा मूर्ति स्थापना में दीपक प्रज्जवलन का महत्व बताते हुए कहा कि दीपक आंतरिक प्रकाश और जागरुकता का प्रतीक है। कार्यक्रम का समापन मां दुर्गा की आरती और भोग प्रसादी के साथ हुआ।

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(Udaipur Kiran) / मनोज पाठक

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