
राजगढ़, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । आकाश की तरह ही हमारी आत्मा भी पवित्र है, मन की पवित्रता और अच्छा व्यवहार ही देश के विकास में सहायक है। ईश्वर के प्रति समर्पण की भावना रखने से हम अपने जीवन को सुखद बना सकते है। यह वाचन शुक्रवार को राष्ट्रीय संत महामंडलेश्वर अनंत श्री परमानंद महाराज ने अखंड परमधाम आश्रम ब्यावरा पर प्रवचन के दौरान कहे।
परमधाम आश्रम पर गुरु पूजन और पादुका पूजन का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। बारिश के बावजूद भी बड़ी संख्या में श्रद्वालु पादुका पूजन कार्यक्रम में शामिल रहे। महामंडलेश्वर परमानंद जी महाराज ने आत्मा की पवित्रता पर जोर दिया। उन्होंने श्रद्वालुओं को बुराइयों से दूर रहने व एक-दूसरे से प्रेमपूर्ण व्यवहार करने की शिक्षा दी। महाराज जी ने भारत के इतिहास का जिक्र करते हुए अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति का भी उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि मन की पवित्रता और सद्व्यवहार देश के विकास का मार्ग प्रशस्त करता है।
उन्होेंने देश की एकता के साथ सामाजिक एकता पर भी जोर दिया। गुरु पूजन कार्यक्रम के दौरान महामंडलेश्वर ज्योतिर्मयानंद जी महाराज ने कहा कि जो पुण्य तीर्थ स्थान पर जाने से मिलता है वहीं पुण्य ब्रम्हज्ञानी के दर्शन से मिलता है। मनुष्यों को साधु संतों का सत्कार और उनका सम्मान करना चाहिए। उन्होंने गुरु की महिमा का बखान करते हुए कहा कि गुरु का स्थान भगवान से उपर होता है। शास्त्रों में कहा गया कि भगवान की शरण में जाने से पहले गुरु की शरण में जाना चाहिए, वहीं आपको भगवान तक ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि आज के युग में चरित्र निर्माण की आवश्यकता है, बच्चों के चरित्र का शोेधन करो, उन्हें स्वधर्म पर चलना सिखाओ ताकि कोई छांगुर बाबा उन्हें छल न सके।
उन्होंने धर्मांतरण करवाने वाले छांगुर बाबा का जिक्र करते हुए कहा कि स्वयं के साथ अपने बच्चों को ऐसे बाबाओं से बचाना होगा। उन्होंने कहा कि जो धर्म की रक्षा नही करता, धर्म उसकी रक्षा नही करता। कार्यक्रम में राज्यमंत्री नारायणसिंह पंवार,सांसद रोडमल नागर, पूर्व विधायक रामचंद्र दांगी, पुरुषोत्तम दांगी, पूर्व जिलाध्यक्ष दिलवर यादव, विहिप विभाग मंत्री जिला अध्यक्ष अशोक गुप्ता, योगेश दांगी सहित अन्य भक्तजन मौजूद रहे।
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(Udaipur Kiran) / मनोज पाठक
