
राजगढ़,25 जून (Udaipur Kiran) । कांग्रेस की संस्कृति रही है कि परिवार पहले,संविधान बाद में। एक व्यक्ति,एक परिवार को देश से बड़ा समझना ही कांग्रेस की वैचारिक विकृति है। कांग्रेस का लोकतंत्र में विश्वास तब तक है, जब तक वह सत्ता में है, जब वह सत्ता से बाहर होती दिखाई देती है तो वह संविधान और लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाने से नही चूकती। यह बात बुधवार को खिलचीपुर नगर के सर्किट हाउस में भाजपा द्वारा आपातकाल के 50 वीं वर्षगांठ पर आयोजित पत्रकारवार्ता में भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य विकास वीरानी ने डाॅ. राममनोहर लोहिया के शब्दों का जिक्र करते हुए कही।
इसके बाद खिलचीपुर के बालाजी गार्डन में आपातकाल के 50 वीं वर्षगांठ की लगाई गई प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में जिलेभर से आमंत्रित लोक सेनानी व उनके परिवार के सदस्यों का स्वागत किया गया। प्रदेश कार्यसमिति सदस्य विकास विरानी ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आज से 50 साल पहले 25 जून 1975 को आपातकाल थोप दिया था, यह घटना भारतीय लोकतंत्र के इतिहास की सबसे दुखद और शर्मनाक घटनाओं में से एक है। यह केवल राजनीतिक निर्णय नही था, बल्कि भारत की लोकतांत्रित व्यवस्था पर सबसे बड़ा हमला था।
उन्होंने कहा कि 1970 के दशक में भारत गंभीर आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक संकटों से संघर्ष कर रहा था, बढ़ती मंहगाई, बेरोजगार, भ्रष्टाचार और असंतोष के कारण सरकार के खिलाफ जनता में आक्रोश बढ़ रहा था। इंदिरा गांधी की सत्ता को सबसे बढ़ा झटका तब लगा, जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 जून 1975 को उनके निर्वाचन को अवैध घोषित कर दिया साथ ही उन्हें छह साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया। इस फैसले के बाद इंदिरा गांधी के इस्तीफे की मांग तेज हो गई। इन सबके बीच 25 जून 1975 को राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने प्रधानमंत्री की सिफारिश पर देश में आपातकाल लागू कर दिया। आपातकाल की घोषणा के बाद भारत की लोकतांत्रिक संस्थाएं रातों-रात बंधक बना दी गई, इसके साथ ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, न्यायिक संरक्षण, व्यक्तिगत स्वतंत्रता, मौलिक अधिकार स्थगित कर दिए गए, मीडिया पर कठोर संेसरशिप लागू कर दी गई। आपातकाल के दौर में वामपंथियों ने इंदिरा गांधी का भरपूर समर्थन किया। इसी दौरान इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी ने जबरन नसबंदी अभियान चलाकर लाखों गरीब पुरुषों को इसके लिए बाध्य किया। 1985 में लोकसभा में राजीव गांधी ने कहा कि आपातकाल में कुछ भी गलत नही था। कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर राष्ट्रवादी विचारधारा को कुचलने का कार्य किया। लोकतंत्र को बचाने के लिए लड़ने वाले एक लाख 40 हजार लोगों को जेल में बंद किया गया। उन्होंने कहा कि मीसा कानून में संसोधन कर प्राकृतिक न्याय की भावना कर उल्लंघन किया गया। कांग्रेस की प्रवृत्ति लोकतंत्र विरोधी रही है, जो विरोध करे, उसे समाप्त कर दो। नेताजी सुभाषचंद्र बोस को कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। कांग्रेस संविधान बचाने की बात करती है, लेकिन इतिहास गवाह है कि संविधान को बेरहमी से कुचलती रही है।
इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष ज्ञानसिंह गुर्जर, प्रदेश सरकार के मंत्री नारायणसिंह पंवार, गौतम टेटवाल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र की हत्या करने वाली पार्टी के लोग आज संविधान की दुहाई दे रहे है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता की लालसा में लोकतंत्र के रक्षकों को बिना अपराध के जेल में डाला, विरोधी पार्टी के नेता व कार्यकर्ताओं पर अत्याचार किए गए। इस अवसर पर विधायक हजारीलाल दांगी, अमरसिंह यादव, मोहन शर्मा, कार्यक्रम के जिला प्रभारी कैलाश सोनी, सहप्रभारी जसवंत गुर्जर, लोकतंत्र सेनानी सुरेन्द्र द्विवेदी, अशोक शर्मा, बृजमोहन आचार्य, पूर्व विधायक बद्रीलाल यादव, रघुनंदन शर्मा, कुंवरकोठार, प्रताप मंडलोई, पूर्व जिलाध्यक्ष केदार काका, दीपेन्द्रसिंह, दीपक शर्मा, दिलवर यादव सहित अन्य भाजपा नेता मौजूद रहे।
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(Udaipur Kiran) / मनोज पाठक
