
शिमला, 25 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्य मंत्री जयंत चौधरी से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान उन्होंने राज्य में ड्रोन तकनीक, कौशल विकास, आईटीआई संस्थानों के स्तरोन्नयन और उद्यमशीलता से जुड़े कई मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की और हिमाचल को केंद्र से विशेष सहायता प्रदान करने का आग्रह किया।
राजेश धर्माणी ने बताया कि हिमाचल जैसे पर्वतीय राज्य में ड्रोन तकनीक आपदा प्रबंधन, कृषि, बागवानी और स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने राज्य में ड्रोन तकनीक पर आधारित एक ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार से सहायता की मांग की।
उन्होंने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के स्तरोन्नयन और गुणवत्तापूर्ण उद्यमिता विकास के लिए केंद्र की 60,000 करोड़ रुपये की योजना में हिमाचल जैसे सीमित संसाधनों वाले राज्यों को राज्यांश में छूट देने का भी अनुरोध किया।
राजेश धर्माणी ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण लक्ष्यों में लचीलापन और निजी प्रशिक्षण साझेदारों को इस योजना में शामिल करने की मांग उठाई, ताकि प्रदेश में उद्योगों और उद्यमशीलता क्षेत्रों की मांग के अनुरूप कुशल मानव संसाधन तैयार किया जा सके।
उन्होंने धानमंत्री कौशल विकास योजना और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत ए-श्रेणी के आईटीआई, उत्कृष्ट एवं निजी संस्थानों को भी गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करने की अनुमति देने की आवश्यकता जताई।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने वोकेशनल पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे स्कूली छात्रों को प्रमाणपत्र देने की मांग की जिससे उन्हें भविष्य में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने में सहूलियत मिले।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने बताया कि सामुदायिक विकास पॉलिटेक्निक्स योजना के तहत चयनित छह पॉलिटेक्निक संस्थानों को वर्ष 2023-24 और 2024-25 की धनराशि अब तक जारी नहीं की गई है। उन्होंने इस संबंध में त्वरित धनराशि जारी करने और वर्ष 2025-26 के लिए नए संस्थानों का चयन करने का भी आग्रह किया।
केंद्रीय राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने सभी महत्वपूर्ण मामलों में हिमाचल प्रदेश को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
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(Udaipur Kiran) शुक्ला
