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राजस्थान पुलिस ने दी चेतावनी :’अलर्ट स्कैम’ से साइबर ठग कर रहे साइबर ठगी

राजस्थान पुलिस ने दी चेतावनी :'अलर्ट स्कैम' से साइबर ठग कर रहे साइबर ठगी

जयपुर, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने आमजन को साइबर अपराधों से बचाने के लिए एक नई एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में ‘अलर्ट स्कैम’ और अन्य साइबर धोखाधड़ी के तरीकों के बारे में बताया गया है, जिनसे अपराधी लोगों को निशाना बना रहे हैं।

पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम शांतनु कुमार सिंह ने बताया कि साइबर अपराधी नकली वेबसाइट्स, मैलवेयर, फिशिंग और धोखाधड़ी के जरिए लोगों को निशाना बना रहे हैं। ये हमले आमतौर पर स्मार्टफोन, लैपटॉप, बैंकिंग ऐप्स या सोशल मीडिया पर फर्जी अलर्ट भेजकर किए जाते हैं।

साइबर धोखाधड़ी के तरीके

फिशिंग और स्मिशिंग: अपराधी बैंकों, आधार, पैन या कूरियर सेवाओं के नाम पर फर्जी ईमेल या एसएमएस भेजते हैं। रैंसमवेयर: खतरनाक ऐप्स या डाउनलोड्स के जरिए आपके फोन या कंप्यूटर को लॉक कर पैसे की मांग की जाती है। फर्जी नौकरी और लोन ऑफर: व्हाट्सएप, टेलीग्राम या वेबसाइट्स पर आसान नौकरी या तुरंत लोन देने का लालच देकर निजी जानकारी चुराई जाती है। मालिशियस ऐप्स: थर्ड-पार्टी स्टोर्स से डाउनलोड किए गए ये ऐप्स आपका डेटा चुरा सकते हैं या आपके डिवाइस का नियंत्रण अपने हाथ में ले सकते हैं।

इनसे बचने के लिए क्या करें

अनजान लिंक पर क्लिक न करें: किसी भी संदिग्ध एसएमएस, ईमेल या मैसेज में आए लिंक की जांच करें। निजी जानकारी साझा न करें: अपना ओटीपी, आधार, पैन या बैंक विवरण किसी के साथ साझा न करें। यूआरएल जांचें: किसी भी ऑनलाइन पेज पर जानकारी भरने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि यूआरएल से शुरू हो रहा हो। केवल आधिकारिक ऐप स्टोर का उपयोग करें: ऐप्स को सिर्फ गूगल प्ले स्टोर या ऐप स्टोर से ही डाउनलोड करें और उन्हें अनावश्यक अनुमतियाँ न दें। सतर्क रहें: अज्ञात क्यूआर कोड को स्कैन न करें। मजबूत और अलग-अलग पासवर्ड का उपयोग करें और जहां संभव हो, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन चालू रखें।

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(Udaipur Kiran)

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