



जयपुर, 14 सितंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल के 10 हजार रिक्त पदों पर भर्ती के लिए 13 और 14 सितंबर 2025 को आयोजित की गई लिखित परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके सम्पन्न हुई। इस परीक्षा के लिए 5 लाख 24 हजार 740 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। जिनमें से 3 लाख 76 हजार 902 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। दोनों दिनों में करीब 72 प्रतिशत अभ्यर्थियों ने इसमें हिस्सा लिया।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (भर्ती एवं पदोन्नति बोर्ड) बिपिन कुमार पाण्डेय ने बताया कि रविवार को जिला पुलिस कांस्टेबल,इंटेलिजेंस, आरएसी, एमबीसी के कांस्टेबल सामान्य व चालक पद के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन प्रदेश के 21 जिलों में किया गया। प्रातः 10 बजे से 12 बजे तक पहली पारी में 582 परीक्षा केंद्रों पर हुई और अपरान्ह 3 बजे से 5 तक दूसरी पारी में 21 जिलों के 580 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई। इन दोनों पारियों की परीक्षाओं में तीन लाख से कुछ अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए।
इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। प्रत्येक परीक्षा कक्ष में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, जिनकी निगरानी पुलिस मुख्यालय में आइटी प्रशिक्षित अधिकारी लगातार देख रहे थे।
उल्लेखनीय है कि विज्ञापित पदों के अनुसार कांस्टेबल सामान्य नॉन टीएसपी के 8 हजार 512 पद, टीएसपी के 867, चालक नॉन टीएसपी के 503, टीएसपी के 47 और कांस्टेबल बैंड के 71 पद है। विज्ञापित पदों में 03 नवसृजित आरएसी महिला बटालियन अमृता देवी, कालीबाई व पदमनी देवी के कुल 1500 पदों एवं पुलिस दूरसंचार में कांस्टेबल आईटी के 1 हजार 469 पदों को सम्मिलित किया गया है। कांस्टेबल बैंड पद के अभ्यर्थियों के लिए लिखित परीक्षा का प्रावधान नहीं रखा गया है।
जांच के बाद मिला प्रवेश
प्रत्येक परीक्षार्थी को तलाशी और बायोमैट्रिक जांच के बाद ही परीक्षा केन्द्र में प्रवेश दिया गया। परीक्षा केन्द्रों पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को निष्प्रभावी करने के लिए जैमर लगाए गए थे। परीक्षा केन्द्र पर ड्यूटी करने वाले स्टाफ को विशेष पहचान पत्र जारी किए गए ताकि किसी अनधिकृत व्यक्ति का प्रवेश रोका जा सके। पुलिस मुख्यालय स्तर पर मॉनिटरिंग की जा रही थी
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस भर्ती एवं पदोन्नति बोर्ड बिपिन कुमार पाण्डेय ने बताया कि परीक्षा की पवित्रता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर पर मॉनिटरिंग की जा रही थी। सभी 280 परीक्षा केंद्रों को सीसीटीवी कैमरों से कवर किया गया था। पुलिस मुख्यालय में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया, जहाँ आईटी प्रशिक्षित अधिकारी और कर्मचारी लाइव फुटेज की निगरानी कर रहे थे। परीक्षा केंद्रों के प्रवेश द्वार पर अभ्यर्थियों की मैनुअल और हैंड-हेल्ड मेटल डिटेक्टर से सघन तलाशी ली गई। इसके अलावा सभी अभ्यर्थियों का बायोमेट्रिक सत्यापन भी किया गया। सभी केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों (जैसे मोबाइल, पेजर आदि) को निष्क्रिय करने के लिए जैमर लगाए गए थे। परीक्षा केंद्र के अंदर किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध था। परीक्षा सामग्री (प्रश्न पत्र, ओएमआर शीट) को अस्थाई ट्रेजरी रूम में सुरक्षित रखा गया था, जो सीसीटीवी की निगरानी में थे और हथियारबंद गार्डों द्वारा सुरक्षित थे। सामग्री की लोडिंग और अनलोडिंग की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की गई।
नकल माफिया पर निगरानी
पुलिस ने संगठित गिरोहों पर विशेष निगरानी रखी, जो स्मार्ट गैजेट्स (मोबाइल, ब्लूटूथ डिवाइस) का उपयोग करके नकल कराने की कोशिश कर सकते थे।
परीक्षा खत्म होते ही लगा जाम
शाम को परीक्षा खत्म होने के बाद केन्द्रों के आस-पास, रेलवे स्टेशन और बस स्टैण्ड जाने वाले रास्तों पर जाम लग गया। सीकर रोड से कलेक्ट्रेट सर्किल तक आने में लोगों को डेढ़ से दो घंटे लग गए। यही हाल झोटवाड़ा, पानीपेच, बनीपार्क क्षेत्रों में भी रहा।
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(Udaipur Kiran)
