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राजस्थान हाईकोर्ट : सरकार का 35 साल पुरानी सिंचाई बारी को रद्द करने का आदेश गलत

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जोधपुर, 6 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । राजस्थान हाईकोर्ट ने हनुमानगढ़ के किसान हाकम राम के पक्ष में बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने उनकी 35 साल पुरानी सिंचाई बारी को रद्द करने के आदेश को गलत ठहराया। जस्टिस रेखा बोराणा ने इस संबंध में दो रिट याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए कहा कि 1987 से चली आ रही सिंचाई सुविधा को बिना ठोस कारण रद्द नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने सिंचाई विभाग के सभी गलत आदेशों को रद्द कर दिया और हाकम राम की दो बीघा अनकमांड जमीन पर सिंचाई सुविधा जारी रखने का निर्देश दिया।

हाकम राम के पास 24 बीघा जमीन है, जिसमें 22 बीघा कमांड और 2 बीघा अनकमांड है। 1987 से उन्हें पूरी जमीन पर सिंचाई सुविधा मिल रही थी। वर्ष 2006 में सरकार ने नियम बनाया कि 1970 से 1995 के बीच अनकमांड जमीन पर सिंचाई बारी लेने वालों की जमीन को कमांड में बदला जाएगा, लेकिन हाकम राम की दो बीघा जमीन को इसमें शामिल नहीं किया गया। हनुमानगढ़ चक 11 झम्भर निवासी हाकमराम ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर ये जानकारी दी। वहीं मोहम्मद इस्माइल नाम के व्यक्ति ने शिकायत की कि हाकम राम की दो बीघा जमीन पर सिंचाई गलत है। इसके बाद 14 अक्टूबर 2022 को याचिकाकर्ता की किला नंबर 1 और 10 (पत्थर नंबर 155/312) की सिंचाई बारी रद्द कर दी गई, बिना उन्हें सुनवाई का मौका दिए। इन्हीं आदेशों को हाकमराम ने हाईकोर्ट में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर कर चुनौती दी थी।

हाईकोर्ट के फैसले के प्रमुख बिंदू

कोर्ट ने कहा कि 1987 से हाकम राम को सिंचाई सुविधा मिल रही थी और इसमें कोई धोखाधड़ी नहीं थी। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर जमीन को कमांड में बदलने में गलती हुई, तो इसके लिए किसान को सजा नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने विभाग को हाकम राम की जमीन पर सिंचाई सुविधा जारी रखने और नक्का इस्तेमाल करने की अनुमति देने का आदेश दिया। जस्टिस रेखा बोराणा ने अपने फैसले में कहा कि रिकॉर्ड से यह स्पष्ट है कि हाकम राम को 1987 में सिंचाई बारी दी गई थी। तब से लेकर अब तक वे बिना किसी रुकावट के इस सुविधा का उपयोग कर रहे थे। पानी की पर्चियों से साबित होता है कि हाकम राम को उनकी पूरी 24 बीघा जमीन के लिए सिंचाई बारी मिली थी। 1992 में मोहम्मद इस्माइल ने इस बारी के खिलाफ शिकायत की थी, लेकिन तब अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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