
जोधपुर, 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । कृषि भूमि के म्यूटेशन में धोखाधड़ी व कूटरचना के आरोपों से जुड़े मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय ने सह आरोपित संतोष राजपुरोहित की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
मामला ओसियां क्षेत्र का है, जहां बासनी पुरोहितान निवासी देव सिंह ने संतोष राजपुरोहित सहित छह अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के अनुसार खसरा नम्बर 2006 रकबा 22 बीघा 10 बिस्वा कृषि भूमि, जो मूल रूप से देव सिंह के पिता मगराज सिंह के नाम दर्ज थी, का म्यूटेशन कथित रूप से कूटरचित दस्तावेज और झूठे शपथ पत्रों के आधार पर संतोष व अन्य के नाम करवा लिया गया। इस पर परिवादी ने धोखाधड़ी व कूटरचना की धाराओं में कानूनी कार्यवाही की मांग की थी।
संतोष राजपुरोहित की ओर से अधिवक्ता निखिल भण्डारी ने राजस्थान हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की। उन्होंने तर्क दिया कि यह मामला पूर्णत: राजस्व विवाद से संबंधित है, जो पहले से ही अतिरिक्त जिला कलेक्टर जोधपुर के समक्ष विचाराधीन है। इसलिए इस पर फौजदारी कार्यवाही नहीं हो सकती। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि प्रार्थिया संतोष राजपुरोहित 62 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक हैं और सुप्रीम कोर्ट के दो पूर्व निर्णय भी इसी तरह के मामलों में राहत प्रदान कर चुके हैं। न्यायाधीश जस्टिस अरुण मोंगा ने सुनवाई के बाद संतोष राजपुरोहित की गिरफ्तारी पर तत्काल प्रभाव से अंतरिम रोक लगा दी।
(Udaipur Kiran) / सतीश
