
जयपुर, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान उच्च न्यायालय ने खराब कार की मार्केटिंग करने के मामले में भरतपुर के मथुरा गेट थाने में फिल्म अभिनेता शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण सहित अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर में कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है। जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण सहित अन्य की ओर से दायर आपराधिक याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि शिकायतकर्ता ने कार खरीदने के बाद उसे तीन साल तक करीब 67 हजार किलोमीटर चलाया और उसके बाद एफआईआर दर्ज कराई। मामले में फिल्म अभिनेता याचिकाकर्ताओं पर कोई स्पष्ट आरोप नहीं है। उन्होंने सिर्फ कार का विज्ञापन किया था। इसके अलावा हर वाहन की परफॉर्मेंस उसके चलाने के तरीके पर निर्भर करती है। यदि शिकायतकर्ता को कार की परफॉर्मेंस को लेकर कोई शिकायत भी थी तो इसमें कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है। शिकायतकर्ता इसे उपभोक्ता अदालत में परिवाद दायर कर चुनौती दे सकता था। इसके बावजूद भी उसने थाने में आपराधिक मामला दर्ज करा दिया। ऐसे में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर में आगामी कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है।
भरतपुर के वकील कीर्ति सिंह ने मथुरा गेट थाने में गत दिनों एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें कंपनी के एमडी अनसो किम, निदेशक और सीईओ तरुण गर्ग, शाहरुख खान व दीपिका पादुकोण सहित अन्य को आरोपित बनाते हुए कहा गया था कि उसने जून, 2022 में 23 लाख 97 हजार रुपये में एक कंपनी की कार खरीदी थी। हाईवे पर कार चलाने के दौरान ओवरटेक करते समय कार पिकअप नहीं लेती और सिर्फ उसका आरपीएम ही बढ़ता है। कार के ओडोमीटर में माल फंक्शन लिखा आने का साइन नजर आता है। तेज चलाने पर कार वाइब्रेट होने लगती है। एफआईआर में यह भी कहा गया कि जब शिकायत दी गई, तो कार एजेंसी संचालक ने इसे कार निर्माण में दोष बताया। अपराध में कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ दोनों फिल्मी कलाकार भी बराबर के आरोपी हैं।
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(Udaipur Kiran)
