Uttar Pradesh

परमात्मा के साथ सम्बंध जोड़ना ही राजयोग है : प्रो0 ई वी गिरीश

बीच में प्रो गिरीश एवं अन्य अतिथिगण

–तीन दिवसीय राजयोग शिविर का समापन प्रयागराज, 09 सितम्बर (Udaipur Kiran) । योग माने जोड़ और योग के लिए हमें अपने सत्य स्वरूप को जानना और परमात्मा को सत्य स्वरूप में जानना अति आवश्यक है। क्योंकि बिना यथार्थ पहचान के हम किसी से भी सम्बंध नहीं जोड़ सकते। हमें परमात्मा के साथ सम्बंध जोड़ना आवश्यक है और परमात्मा के साथ इसी सुखद सम्बंध को ही राजयोग कहा जाता है।

यह बातें मुम्बई से आए अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वक्ता प्रोफेसर ई वी गिरीश ने मंगलवार को ब्रह्माकुमारीज के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय राजयोग शिविर के अंतिम दिन सुखी जीवन का आधार-दिव्य सम्बंध विषय पर व्याख्यान देते हुए कही।

उन्होंने आगे कहा कि संसार की सभी वस्तुएं समय चक्र में स्थित है और समय के साथ बदल जाती हैं। परंतु आत्मा और परमात्मा शाश्वत है। इसी तरह हमारा सम्बंध भी शाश्वत है, परमात्मा सुख शांति प्रेम के सागर हैं और आत्मा भी उसी का स्वरूप है।

बता दें कि, ब्रह्माकुमारीज द्वारा जीवन में चमत्कारिक परिवर्तन विषय पर तीन दिवसीय राजयोग शिविर सद्भावना भवन, धनुआ में रखा गया था। समापन सत्र में मुख्य अतिथि के तौर पर सच्चा बाबा आश्रम के मुख्य आचार्य डॉक्टर चंद्र देव मिश्रा एवं पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ नरेंद्र सिंह गौर उपस्थित रहे।

विशिष्ट अतिथि के रूप में अनिल पटेल ब्लॉक प्रमुख चाका, दुर्गा प्रसाद पाल उप सचिव उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, वैज्ञानिक डॉ राजेश, कर्नल उपेंद्र कुमार शर्मा आदि उपस्थित रहे। मनोरमा दीदी ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सभी को आगे के लिए ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र में आकर राजयोग सीखने का आग्रह किया तथा अतिथियों ने मुख्य वक्ता प्रोफेसर ई वी गिरीश का सम्मान किया।

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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

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