
बीकानेर, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । जिले में गत दो-तीन दिनों से हो रही बरसात से मुरझाती खरीफ फसलों को जीवन दान मिला है। आधे सावन के बाद आधा भादवा भी बिना बरसात से बीतने से खरीफ बारानी व सिंचित खेती प्रभावित होने लगी थी। इससे बारानी खेती में मोठ, बाजरा, ग्वार की फसलें काफी प्रभावित होकर मुरझा सी गई थी। इस बरसात ने किसानों की खोई मुस्कान लौटा दी है।
संयुक्त निदेशक कृषि कैलाश चौधरी ने बताया कि बीकानेर में किसानों द्वारा खरीफ-25 में 12 लाख 82 हजार 242 हेक्टेयर क्षेत्रफल में खरीफ फसलों की बुवाई की गई है। खरीफ में सर्वाधिक क्षेत्रफल में किसानों द्वारा ग्वार की फसल 4 लाख 35 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बोई गई, ग्वार के बाद 3 लाख 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मोठ, 2 लाख 22 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मूंगफली, 71 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में बाजार, 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में कपास तथा 42 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मूंग की बुवाई हुई है। सिंचित क्षेत्र विकास क्षेत्र में भी 1 लाख 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हुई है। उद्यान विभाग के सहायक निदेशक मुकेश गहलोत ने बताया कि जिले में लगभग 1500 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फल वृक्ष बगीचा किसानों ने लगा रखे हैं। 750 हेक्टेयर क्षेत्र में अनार व 300 हेक्टेयर क्षेत्रफल में खजूर फल वृक्ष बगीचा हेतु भी यह बारिश उचित बढ़वार व उत्पादन के लिए जीवन दायिनी साबित होगी। ऐसे समय में जिले में शुक्रवार शाम से हो रही अच्छी बरसात से एक ओर जहां किसानों के चेहरे खिले, वहीं दूसरी ओर फसलों में रौनक लौट आई है। शनिवार व रविवार को हुई अच्छी बरसात से खेतों को संजीवनी मिली है। जिले में उत्पादित हो रही खरीफ सब्जियों में मुख्यतः कद्दू वर्गीय सब्जियों के लिए इस बारिश से सब्जी उत्पादक किसानों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है।
राजेडू (श्रीडूंगरगढ़) के किसान नानूराम गरूवा ने बताया कि समय रहते हुई बरसात ने फिर से उम्मीदों को जीवित कर दिया है। अनार, मोठ, ग्वार, मूंगफली फसल के लिए यह बरसात लाभदायक सिद्ध होगी।
बेलासर (बीकानेर) के किसान वीरेंद्र लुणू ने बताया कि इस समय सभी फसलों में फाल आ रहा है और सिंचाई की ज्यादा जरूरत रहती है। समन्दसर के किसान गोरधन राम मेघवाल ने कहा कि बरसात होने से फसलों में अच्छी बढ़वार के साथ फाल भी अच्छा आने की उम्मीद जगी है। फसलों का कीट रोग से भी बचाव होगा।
6 केवाईडी (खाजूवाला) के किसान पृथ्वीराज कासनिया ने बताया कि यह बरसात खरीफ फसलों बारानी ग्वार, मोठ, बाजरा के साथ-साथ कपास, मोठ व मूंगफली के लिए भी वरदान है।
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(Udaipur Kiran) / राजीव
