
– प्रगति मैदान में चल रहे 44वे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में भारतीय रेलवे बना सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र – हॉल नंबर 4 और 5 में रेलवे अपने नए प्रोजेक्ट, हाई स्पीड ट्रेनों और अन्य याेजनाओं काे भी दिखा रहा है
नई दिल्ली, 20 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे 44वे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में इस बार भारतीय रेलवे सबसे बड़ा आकर्षण बना हुआ है। हॉल नंबर 4 और 5 में लगे रेलवे के इस पवेलियन में लोग सुबह से शाम तक बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। पूरे पवेलियन को ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ थीम पर तैयार किया गया है, जहां रेलवे ने अपने नए प्रोजेक्ट, हाई स्पीड ट्रेनों और आने वाले समय की योजनाओं को बहुत ही आसान और दिलचस्प तरीके से दिखाया है।
यहां वंदे भारत, अमृत भारत, नमो भारत को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने त्रिवेणी का नाम दिया है। इसी रुप में हाइड्रोजन ट्रेन और वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के मॉडल लोगों को सबसे ज्यादा पसंद आ रहे हैं। युवा इन मॉडलों के साथ तस्वीरें लेते नजर आ रहे हैं। रेलवे की पुरानी पत्रिकाएं भी यहां रखी गई हैं, जो 1960 से छप रही हैं। साथ ही पीआर जोन में एक खास अनुभव केंद्र भी बनाया गया है, जहां लोग थ्री डी टेक्नोलॉजी की मदद से ऐसा महसूस करते हैं जैसे वे कश्मीर में बर्फ के बीच रेल यात्रा कर रहे हों।
इस पवेलियन की सबसे खास बात देश के अलग अलग हिस्सों में बन रहे बड़े रेल प्रोजेक्टों के मॉडल हैं। दुनिया के सबसे ऊंचे चेनाब ब्रिज का मॉडल हर किसी का ध्यान खींच रहा है। 359 मीटर ऊंचा यह पुल एफिल टावर से भी 35 मीटर ज्यादा ऊंचा है, जो भारतीय इंजीनियरिंग की ताकत दिखाता है। इसी तरह पूर्वोत्तर में बन रहे बैराबी साएरंग प्रोजेक्ट और मिजोरम में तैयार हो रहा सबसे ऊंचा पिलर वाला ब्रिज भी लोगों को खूब पसंद आ रहा है। दक्षिण भारत के मशहूर पंबन ब्रिज का मॉडल भी यहां रखा गया है, जो समुद्र के ऊपर चलने वाली ट्रेन की अद्भुत तकनीक को दिखाता है।
मध्य प्रदेश में बन रहे कटनी ग्रेड सेपरेटर का मॉडल भी प्रदर्शनी में रखा गया है। यह 33.40 किलोमीटर लंबी परियोजना है, जिसमें पैसेंजर और मालगाड़ियों को अलग अलग रास्ता दिया जा रहा है ताकि कंजेशन कम हो और ट्रेनें तेजी से चल सकें। इसका कुछ हिस्सा पूरा हो चुका है और बाकी काम चल रहा है। रेलवे के इंजीनियरों ने इसका मॉडल बनाकर दिखाया है कि यह सिस्टम कैसे ट्रेनों को बिना रुकावट आगे बढ़ने में मदद करेगा।
स्टॉल पर मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन की जानकारी भी प्रदर्शित की गई है। यह हाई स्पीड कॉरिडोर 508 किलोमीटर लंबा है, जिसमें ज्यादातर हिस्सा गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा। ट्रेन की स्पीड 320 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। कम स्टॉप के साथ यात्रा सिर्फ 2 घंटे 7 मिनट में पूरी होगी। पूरे रूट पर 12 स्टेशन, 28 पुल और 21 किलोमीटर लंबी सुरंगें बनाई जा रही हैं, जिनमें 7 किलोमीटर की समुद्र तल के नीचे वाली सुरंग भी शामिल है।
रेलवे के पवेलियन में इंटरएक्टिव क्विज, डिजिटल सेल्फी प्वाइंट और चेनाब ब्रिज का थ्री डी अनुभव भी लोगों को खूब भा रहा है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस प्रदर्शनी का मकसद लोगों को यह समझाना है कि भारत की रेल किस तेजी से बदल रही है और आने वाले सालों में यात्रियों को कितनी उन्नत और तेज सेवाएं मिलने वाली हैं।
भारतीय रेलवे का यह पवेलियन मेले में पहुंचने वाले लोगों को तकनीक, विकास और देश की इंजीनियरिंग क्षमता की एक शानदार झलक दिखा रहा है।
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(Udaipur Kiran) / माधवी त्रिपाठी