West Bengal

जाली जन्म प्रमाणपत्र के जरिए पासपोर्ट बनाने के मामले की जांच में जुटी पुलिस, सरकारी वेबसाइट पर अपलोड होने पर उठे सवाल

जाली जन्म प्रमाण पत्र का भांडा फूटा

दक्षिण 24 परगना, 20 जून (Udaipur Kiran) । जाली जन्म प्रमाणपत्रों के सहारे पासपोर्ट बनवाने के मामले की जांच पुलिस कर रही है। लेकिन असली रहस्य इस बात को लेकर है कि ये जाली बर्थ सर्टिफिकेट पंचायती व्यवस्था के जरिए सरकारी वेबसाइट पर कैसे अपलोड हो गए।

चूंकि ये नकली दस्तावेज सरकारी प्रणाली में अपलोड हो चुके हैं, इसलिए उन्हें वैध मान लिया गया है और अब वेरिफिकेशन अधिकारियों के लिए यह तय कर पाना मुश्किल हो गया है कि वे असली हैं या नकली। इस वजह से सवाल उठ रहे हैं कि क्या जालसाजी की जड़ें सीधे सरकारी विभागों में ही छिपी हैं?

इस फर्जीवाड़े को उजागर करने के लिए अब कोलकाता पुलिस की सिक्योरिटी कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन ने क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय और जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी को सबूतों सहित विस्तृत पत्र भेजा है।

पासपोर्ट के आवेदन में भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए बर्थ सर्टिफिकेट जमा करना अनिवार्य होता है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दक्षिण 24 परगना के गोसाबा के पथानखली ग्राम पंचायत से जारी किए गए फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों के आधार पर कई लोगों ने पासपोर्ट हासिल कर लिया।

ये सर्टिफिकेट सरकारी वेबसाइट पर अपलोड किए गए थे। पुलिस ने फर्जी नामों की सूची बनाकर पासपोर्ट रद्द करने की सिफारिश की है। जांच में पता चला है कि सिर्फ पथानखली ग्राम पंचायत से ही लगभग तीन हजार पांच सौ फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट जारी किए गए थे।

सूत्रों के अनुसार, जन्म प्रमाणपत्र अपलोड करने के लिए एक अधिकृत मोबाइल नंबर और यूज़र आईडी की जरूरत होती है। वन टाइम पासवर्ड के माध्यम से ही दस्तावेज अपलोड होते हैं। अब जांच की जा रही है कि आरोपितों को इस सरकारी सिस्टम तक पहुंच कैसे मिली।

पथानखली पंचायत में गौतम सरदार नाम का एक अस्थायी कर्मचारी था। उसके बैंक खाते में लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है, ऐसा आरोप है। एससीओ के एक अधिकारी के मुताबिक कि अगर एक ठेके पर नियुक्त कर्मचारी करोड़ों का लेन-देन कर सकता है, तो सोचिए यह जालसाजी कितनी दूर तक फैली हुई है।

सिर्फ पथानखली ही नहीं, हावड़ा के बसुदेवपुर और मालदा के मानिकचक इलाके की पंचायतों से भी इसी तरह फर्जी जन्म प्रमाणपत्र जारी किए जाने के आरोप हैं। सूत्रों के अनुसार, पथानखली पंचायत कार्यालय के अलावा दक्षिण 24 परगना के जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी को भी पत्र भेजा गया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस जालसाजी में अब तक लगभग 150 लोगों के शामिल होने की आशंका है। सिर्फ पंचायत कर्मचारी ही नहीं, बल्कि पिछले साल सितंबर में जांच शुरू होने के बाद कोलकाता पुलिस का एक पूर्व कर्मचारी भी गिरफ्तार किया गया है।

(Udaipur Kiran) / अनिता राय

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