Jammu & Kashmir

जल निकाया के समीप बना आयुष कार्यालय परिसर एवं मुख्य रास्ता आपदा की भेंट चढ़ा, लापरवाही पर उठे सवाल -आखिर जल निकाय के समीप बिना सुरक्षित दीवार के इमारत बनाने की अनुमति कैसे मिली

The Ayush office complex and the main road built near the water body fell prey to the disaster, questions raised on negligence

कठुआ 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । बीते दिनों कठुआ में बादल फटने से मची भारी तबाही से कई क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुँचा है। इसी आपदा मे जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित सहार खड़ पुल के किनारे बना दो महीने पहले आयुष विभाग कार्यालय का परिसर और मुख्य रास्ता भी चपेट में आ गया है। गनीमत यह रहा कि किसी भी जान का नुकसान नहीं हुआ है।

जिसे लेकर प्रशासन की लापरवाही पर अब गंभीर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर जल निकाय के समीप बिना सुरक्षित दीवार के इमारत बनाने की अनुमति कैसे मिली, भारी बारिश और प्राकृतिक आपदा की पहली मार में ही दफ्तर का परिसर और उससे जुड़ा रास्ता कैसे बह गया। टैक्स पेयर का पैसा पानी की तरह क्यों बहाया जा रहा है। अब सवाल जनता के बीच गूंज रहा है। लाखों-करोड़ों रुपये की लागत के बावजूद सरकारी इमारतें अगर प्राकृतिक आपदा में खड़ी नहीं रह पा रही हैं तो यह नाकामी किसकी है? सरकार, ठेकेदार, या पूरा सिस्टम? स्थानीय निवासी सतपाल चैधरी का कहना है कि अगर आम जनता जल निकाय के समीप कोई निजी इमारत या घर बनाने का कार्य शुरू करती है तो रेवेन्यू विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर जल निकाय का हवाला देकर निजी कार्यों को रुकवा देती है। जबकि सरकार के अपने कार्यालय जल निकाय पर बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकारी जगह पर सरकारी कार्यालय बनाया गया, तो उससे पहले उस जगह की मिट्टी को लेबोरेटरी में जांच के लिए भेजा जाता है, उसके बाद एक डीपीआर तैयार होती है और फिर करोड़ों रुपए की इमारत को बनाया जाता है। लेकिन सरकार ने करोड़ों की इमारत बनाने से पहले लाखों रुपए की लागत से बनने वाली सुरक्षा दीवार को नहीं बनाया, जिसकी वजह से परिसर और रास्ता बह गया। गनीमत रहा कि उस दिन रविवार था कार्यालय बंद था अगर पानी का बहाव थोड़ा सा भी तेज होता तो आयुष कार्यालय की पूरी इमारत धराशाई हो जाती। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि इस इमारत को बनाने वाली एजेंसी पर उच्च स्तरीय जांच की जाए। आयुष विभाग कठुआ के प्रमुख ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने डीसी कठुआ के से बात की है और डीसी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि बहुत जल्द इसे दुरुस्त किया जाएगा।

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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया

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