
गुवाहाटी, 08 सितंबर (Udaipur Kiran) । पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पूसीरे) मजदूर यूनियन की पहल पर गुवाहाटी स्थित पूसीरे मुख्यालय (निर्माण) में सोमवार को भारत रत्न, ‘सुधाकंठ’ डॉ. भूपेन हजारिका की 99वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
विश्वभर में “बर्ड ऑफ ब्रह्मपुत्र” के नाम से प्रसिद्ध डॉ. भूपेन हजारिका (8 सितंबर 1926 को जन्म एवं 5 नवंबर 2011 को परलोकवासी) संगीतकार, गायक, गीतकार, कवि, फिल्म निर्माता और प्रगतिशील साहित्यकार थे। उन्होंने असम और पूरे पूर्वोत्तर भारत के लोकसंगीत और संस्कृति को हिंदी सिनेमा के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर परिचित कराया।
सोमवार के कार्यक्रम में पूसीरे मजदूर यूनियन की मालीगांव शाखा, निर्माण शाखा, पांडु शाखा और महिला शाखा के सदस्य उपस्थित रहे। शाम को मुख्यालय के सामने शतदीप प्रज्वलित किया गया और सभी सदस्यों ने सामूहिक स्वर में उनकी अमर रचना “मानुहे मानुहर बाबे” गीत प्रस्तुत किया, जिसने उनके मानवीय मूल्यों और सार्वभौमिक संदेश को और भी उज्ज्वल बना दिया।
यूनियन की ओर से शपथ ली गई कि डॉ. हजारिका द्वारा दिखाए गए मानवता के आदर्शों का अनुसरण करते हुए समाजकल्याण के लिए कार्य किया जाएगा तथा रेलकर्मियों की एकता और एकजुटता को और सुदृढ़ कर न्यायपूर्ण अधिकारों के लिए लोकतांत्रिक संघर्ष जारी रहेगा।
गौरतलब है कि इस महान कलाकार के जन्मशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में असम सरकार और विभिन्न संगठन 8 सितंबर, 2025 से वर्षभर के उत्सव की तैयारी कर रहे हैं। इस दिन के आयोजन में पूसीरे मजदूर यूनियन ने प्रशासन के समक्ष एक विशेष रेल सेवा चलाने का प्रस्ताव भी रखा, ताकि देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले भूपेन प्रशंसक इस उत्सव में आसानी से भाग ले सकें। साथ ही, उस विशेष रेल में डॉ. हजारिका के जीवन और कार्यों पर आधारित प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने की भी बात कही गई।
(Udaipur Kiran) / देबजानी पतिकर
