

गुवाहाटी, 21 जून (Udaipur Kiran) । वैश्विक स्वास्थ्य उत्सव के रूप में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पूसीरे) में शनिवार को 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। योग के महत्व और मानव स्वास्थ्य पर इसके प्रभावों के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए मुख्यालय, सभी मंडलों और काररखानों में योगाभ्यास सत्र आयोजित किए गए। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 का थीम एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग, योग की परिवर्तनकारी शक्ति के माध्यम से वैश्विक कल्याण के एकीकृत दृष्टि को दर्शाता है।
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे मुुख्यालय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम रेलवे इनडोर स्टेडियम, मालीगांव में आयोजित किया गया। इस अवसर पर पूसीरे के महाप्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ शामिल हुए। पूसीरे (निर्माण) कार्यालय में भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। पूसीरे (निर्माण) के महाप्रबंधक अरुण कुमार चौधरी की अगुवाई में यह कार्यक्रम किया गया। यहां रेल अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने परिवारों के साथ पूरे मन से “आसन” क्रिया में भाग लिया।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को पूसीरे के सभी पांच मंडलों में भी मनाया गया, जिसमें हजारों रेल कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों ने भाग लिया। समन्वित समारोहों ने कर्मचारी कल्याण और समग्र स्वास्थ्य के प्रति पूसीरे की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाया।
पूसीरे ने योग के संदेश और लाभ को आम जनता तक पहुंचाने के उद्देश्य से विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म का सहारा लिया। डिजिटल पहुंच के माध्यम से, पूसीरे ने सफलतापूर्वक बड़ी संख्या में दर्शकों को शामिल किया तथा अधिक स्वस्थ और संतुलित अस्तित्व के लिए दैनिक जीवन में योग को शामिल करने के महत्व पर बल दिया।
दरअसल, एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग की थीम न केवल शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए, बल्कि भावनात्मक सुदृढ़ता और पर्यावरण की देखभाल को भी प्रदर्शित करती है। यह थीम व्यक्तिगत और सामूहिक सद्भाव के महत्व को भी प्रामाणित करती है, जो स्थिरता, एकता और समग्र जीवन की दिशा में वैश्विक प्रयासों के साथ संरेखित है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस-2025 का विशेष महत्व इसलिए भी है, क्योंकि यह योग के स्थायी और समावेशी अभ्यास के माध्यम से एक स्वस्थ, अधिक संतुलित जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। 21 जून उत्तरी गोलार्ध का सबसे लंबा दिन है। यह नवीनीकरण तथा स्वयं एवं प्राकृतिक जगत के बीच गहरे संबंध बनाए रखने के क्षण को दर्शाता है। इस तिथि पर योग दिवस का उत्सव शरीर, मन और प्रकृति को एक करने की भावना से मेल खाता है।
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(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय
