Punjab

पंजाब भाजपा ने 1984 दंगा पीड़ितों के परिजनों को नौकरी देने की घोषणा पर हरियाणा सरकार के फैसले को सराहा

पंजाब भाजपा के नेता चंडीगढ़ में पत्रकाराें से बातचीत करते हुए

चंडीगढ़, 26 अगस्त (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पार्टी पंजाब के प्रदेश कोर कमेटी सदस्य और पूर्व विधायक केवल सिंह ढिल्लों ने हरियाणा सरकार द्वारा 1984 सिख विरोधी दंगा पीडि़त परिवारों के सदस्यों को सरकारी नौकरियां देने के फैसले का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का धन्यवाद किया है। ढिल्लों ने मंगलवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह फैसला न्याय, सम्मान और सामाजिक पुनर्वास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष विक्रम सिंह चीमा, प्रदेश प्रवक्ता एस.एस.चन्नी और प्रदेश मीडिया प्रमुख विनीत जोशी मौजूद थे।

भाजपा नेता केवल सिंह ढिल्लों ने कहा कि यह फैसला अन्य प्रदेशों के लिए भी प्रेरणादायक साबित होगा। ढिल्लों ने कहा कि 1984 के काले अध्याय को बिना न्याय और पुनर्वास के बंद नहीं किया जा सकता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह दर्शा दिया है कि जब राजनीति के साथ सच्ची नीयत जुड़ती है, तो इंसाफ मिलना यकीनी बन जाता है। ढिल्लों ने बताया कि इससे पहले दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने के 100 दिनों के अंदर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा भी दंगा पीडि़त परिवारों को नौकरियां देकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया था। अब हरियाणा सरकार की इस घोषणा से यह साबित हुआ है कि भाजपा-शासित प्रदेश पीडि़तों के हक में संवेदनशील और वचनबद्ध हैं। 1984 के सिख नरसंहार में हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी, जिनमें सबसे ज्यादा हत्याकांड दिल्ली में हुए थे। हजारों परिवार बेघर हो गए और कई बच्चे अनाथ रह गए। उस समय की कांग्रेस सरकार द्वारा पीडि़तों को इंसाफ देने की बजाय मामले को दबाने की कोशिश की गई।

ढिल्लों ने बताया कि 2014 में केंद्र में भाजपा सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दंगों के मामले फिर से खुलवाए। सैकड़ों मामलों की नई जांच शुरू हुई और कई दोषियों को कानून के घेरे में लाया गया। 2018 में सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। अन्य कई दोषियों को लंबे समय बाद इंसाफ के तहत सख्त सजाएं हुईं। इतना ही नहीं, पीडि़त परिवारों को वित्तीय सहायता के साथ-साथ 5 लाख रुपये तक का मुआवजा भी जारी किया गया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार न केवल 1984 के दंगों के पीडि़तों को इंसाफ दिलवाने में असफल रही, बल्कि अपने 10 सालों के राज में एक भी सिख को मंत्री नहीं नियुक्त किया।

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(Udaipur Kiran) शर्मा

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