
धर्मशाला, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की समृद्ध जैव-विविधता को और संरक्षित व समृद्ध बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। इससे वर्ष 2030 तक 30 प्रतिशत वन आवरण बढ़ाने के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी। रविवार को कालापुल में राजीव गांधी वन संवर्धन योजना के तहत पौधरोपण कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि राजीव गांधी वन संवर्धन योजना से वन विकास के साथ-साथ जन सहभागिता बढ़ेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी।
इस योजना के तहत वर्ष 2025 से 2030 तक महिला मंडल, युवक मंडल, स्वयं सहायता समूह और संयुक्त वन समितियां एक से पांच हेक्टेयर चयनित वन भूमि पर न केवल पौधे लगाएंगी, बल्कि पांच वर्ष तक उनकी देखभाल भी करेंगी। इसके लिए 100 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। इस वर्ष 20 करोड़ रुपये की लागत से 1000 से 1500 हेक्टेयर वन भूमि पर पौधरोपण किया जा रहा है। पौधरोपण व पौधों की देखभाल के लिए एक लाख 20 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर भी प्रदान किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ऐसी योजनाएं कार्यान्वित कर रही हैं, जिससे ग्रामीणों को उनके घर द्वार पर ही स्वरोजगार मिले और उनकी आर्थिकी भी सशक्त हो सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की प्राकृतिक खेती की पहल की राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी वन संवर्धन योजना के तहत विभिन्न महिला मंडल को पौधरोपण के लिए 11 हजार की वित्तीय सहायता भी प्रदान की।
इससे पहले अरण्यपाल वासु कौशल ने राजीव गांधी वन संवर्धन योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि सरकार तथा विभाग के प्रयासों से हरित आवरण को बढ़ावा मिल रहा है तथा आम जनमानस को भी वन संरक्षण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस अवसर पर वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी सुनंदा पठानिया सहित अन्य अधिकारी और विभिन्न स्कूलों के इको क्लब के विद्यार्थी भी उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / सतेंद्र धलारिया
