
प्रयागराज, 12 सितम्बर (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाथरस के नगर पंचायत पुरदिल नगर में बारात घर का निर्माण रोकने की मांग में दाखिल जनहित याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि प्रस्तावित बारात घर का निर्माण जारी रखने के लिए नगर पंचायत स्वतंत्र है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह जनहित याचिका अच्छी नीयत से दाखिल नहीं की गई है।
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली एवं न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ ने दिया है। हाथरस निवासी अंशुल कुमार ने जनहित याचिका दाखिल कर सिकंदराराऊ तहसील के पुरदिल नगर कस्बा स्थित सोरो गेट मोहल्ले में बन रहे बारात घर के निर्माण को रोकने की मांग की थी। याची का कहना था कि यह भूमि राजस्व रिकॉर्ड में नवीन परती और हरिजन आबादी सुरक्षित के रूप में दर्ज है। इस पर बारात घर न बनाया जाए।
नगर पंचायत की ओर से कहा गया कि यह भूमि पहले से अवैध कब्जे में थी, जिसमें याची भी शामिल था और इसे बारात घर परियोजना के लिए खाली कराया गया था। कोर्ट ने पहले निर्माण पर रोक लगा दी थी और सभी पक्षों जिसमें याची भी शामिल था, को भूमि पर अतिक्रमण न करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने नगर पंचायत की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों को देखने के बाद जनहित याचिका खारिज कर दी।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
