
कठुआ 28 जुलाई (Udaipur Kiran) । 6.0 मिलियन टन प्रति वर्ष सीमेंट उत्पादन क्षमता वाली प्रस्तावित स्टैंडअलोन क्लिंकर ग्राइंडिंग इकाई के लिए सोमवार को कठुआ के बरनोटी में एक जन सुनवाई आयोजित की गई। यह सुनवाई भारत सरकार के पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी पर्यावरणीय प्रभाव आकलन अधिसूचना 2006 के तहत पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त करने की वैधानिक प्रक्रिया के एक भाग के रूप में जम्मू कश्मीर प्रदूषण नियंत्रण समिति जम्मू द्वारा आयोजित की गई थी।
प्रस्तावित इकाई जम्मू कश्मीर के जिला कठुआ के गाँव मेरथ और नगरोटा में स्थापित की जानी है। कार्यवाही की निगरानी जेकेपीसीसी के वरिष्ठ अधिकारियों, कठुआ के अतिरिक्त जिला आयुक्त कार्यालय और प्रदूषण नियंत्रण समिति कठुआ के संभागीय अधिकारी द्वारा की गई। इस कार्यक्रम में स्थानीय निवासियों, जन प्रतिनिधियों, पर्यावरण हितधारकों और समुदाय के सदस्यों की सक्रिय भागीदारी देखी गई, जिन्होंने प्रस्तावित परियोजना के पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव के संबंध में महत्वपूर्ण प्रश्न और चिंताएं उठाईं। सत्र के दौरान परियोजना के पर्यावरण सलाहकार ने एक विस्तृत पर्यावरणीय प्रभाव आकलन रिपोर्ट प्रस्तुत की। प्रस्तुति में निर्धारित मानदंडों के अनुसार की गई पर्यावरणीय निगरानी और विश्लेषण के निष्कर्षों पर प्रकाश डाला गया, जिसमें वायु और जल गुणवत्ता, ध्वनि स्तर, पारिस्थितिक प्रभाव और परियोजना के निर्माण एवं संचालन चरणों के दौरान अपनाए जाने वाले शमन उपायों जैसे क्षेत्रों को शामिल किया गया। पारदर्शिता और नियामक मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए पूरी सुनवाई की वीडियोग्राफी की गई और आवाज रिकॉर्ड की गई। सभी प्रासंगिक दस्तावेज और हितधारकों की प्रतिक्रिया संकलित की जाएगी और पर्यावरणीय मंजूरी के आगे के मूल्यांकन और प्रसंस्करण के लिए सक्षम प्राधिकारी, अर्थात् पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, को प्रस्तुत की जाएगी। गौरतलब हो कि यह जन सुनवाई पर्यावरणीय निर्णय लेने की प्रक्रिया में सामुदायिक भागीदारी के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करती है, यह सुनिश्चित करते हुए कि परियोजना अनुमोदन से पहले स्थानीय हितधारकों की आवाज सुनी जाए और उस पर विचार किया जाए।
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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया
