Jammu & Kashmir

सार्वजनिक उपक्रम समिति ने जेकेपीडीसीएल के ऑडिट पैराग्राफ की समीक्षा की

श्रीनगर, 12 अगस्त (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर विधानसभा की सार्वजनिक उपक्रम समिति (सीओपीयू) ने आज विधानसभा परिसर में जम्मू-कश्मीर पावर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (जेकेपीडीसीएल) के ऑडिट पैराग्राफ की समीक्षा के लिए एक बैठक बुलाई।

बैठक की अध्यक्षता सीओपीयू के

प्रधान महालेखाकार, प्रमुख सचिव पीडीडी, सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, केपीडीसीएल, जेपीडीसीएल और जेकेपीडीसीएल के प्रबंध निदेशक, महानिदेशक लेखा एवं कोषागार, महानिदेशक विकास व्यय प्रभाग-I, निदेशक वित्त पीडीडी, केपीडीसीएल, जेपीडीसीएल और जेकेपीडीसीएल के विभिन्न विंगों के मुख्य अभियंता और विद्युत विकास विभाग तथा अन्य सहयोगी एजेंसियों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक के दौरान सीओपीयू ने जेकेपीडीसीएल के कामकाज में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) द्वारा चिह्नित विभिन्न लेखापरीक्षा टिप्पणियों और अन्य अनियमितताओं की जांच की।

विचार-विमर्श के दौरान, अध्यक्ष ने निगम के संचालन में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने अधिकारियों को किसी भी प्रकार की लापरवाही के लिए जिम्मेदारी तय करने और स्थापित मानदंडों के अनुसार दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

अध्यक्ष ने बताया कि कई परियोजनाओं का क्रियान्वयन डीपीआर में उल्लिखित निश्चित समयसीमा के बजाय अभूतपूर्व अवधि के लिए किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों से स्थापित मानदंडों के अनुसार डीपीआर तैयार करने का आह्वान किया ताकि किसी भी परियोजना के क्रियान्वयन में कोई बाधा या देरी न हो।

बैठक के दौरान अध्यक्ष ने सदस्यों से उचित सुधारात्मक कार्रवाई उपायों के माध्यम से विभाग को जवाबदेह और जिम्मेदार बनाने का भी आह्वान किया, जिन्हें इन मंचों पर उठाया जा सके। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को सार्वजनिक संसाधनों की सुरक्षा और जनहित में योगदान देने के लिए वित्तीय अनुशासन और परिचालन दक्षता के उच्चतम मानकों को बनाए रखना चाहिए।

अध्यक्ष ने प्रमुख सचिव, पीडीडी को एक महीने के भीतर एक कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया, जिसमें लेखापरीक्षा आपत्तियों के समाधान और भविष्य में ऐसी चूकों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए अपनाए गए उपायों का विवरण दिया गया हो।

(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता

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