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मंडी में अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर मंडी में जनजागरूकता कार्यक्रम, उपायुक्त ने दिलाई नशामुक्ति की शपथ

उपायुक्त मंडी नशा मुक्ति की शपथ दिलाते हुए।

मंडी, 26 जून (Udaipur Kiran) । सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस के अवसर पर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) मंडी में जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने की। कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त ने आईटीआई के प्रशिक्षुओं को अपने जीवन, परिवार, समाज और राष्ट्र को नशे की बुराइयों से मुक्त रखने की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए नशे से दूर रहना आवश्यक है। मेहनत तभी रंग लाएगी जब मन और शरीर स्वस्थ होंगे। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे स्वयं भी नशे से दूर रहें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।

एडीसी गुरसिमर सिंह ने भी युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि नशे की लत अक्सर पीयर प्रेशर से शुरू होती है। इसे सामाजिक कलंक के रूप में देखने की बजाय एक बीमारी के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नशा करने वाले को साथ देकर ही उसे इस दलदल से बाहर निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि नशे की रोकथाम केवल कानून से संभव नहीं, बल्कि इसके लिए समाज के हर वर्ग को मिलकर जन आंदोलन खड़ा करना होगा।

कार्यक्रम में विशेष रूप से एक पूर्व नशा उपयोगकर्ता ने भी अपनी आपबीती सांझा की। उन्होंने बताया कि यह सिलसिला सिगरेट से शुरू होकर शराब और अंततः चिट्टे तक पहुंच गया। उन्होंने युवाओं को आगाह किया कि नशा किसी भी समस्या का समाधान नहीं बल्कि विनाश की ओर पहला कदम है। उन्होंने समाज से आग्रह किया कि नशा ग्रस्त लोगों को सहयोग दें, न कि उन्हें हाशिए पर ढकेलें। यह एक मानसिक बीमारी है, और इसके इलाज में समय, सहानुभूति और इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है मनोचिकित्सक डॉ. अभिलक्ष कांगो ने नशे के लक्षण, उसके दुष्परिणाम, उपचार और रिकवरी प्रक्रिया पर विस्तार से जानकारी दी। वहीं, पुलिस उपाधीक्षक दिनेश कुमार ने समाज पर नशे के घातक प्रभावों की जानकारी देते हुए युवाओं को इससे बचने की सलाह दी।

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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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