मंडी, 13 जुलाई (Udaipur Kiran) । प्रदेश में प्राथमिक स्कूलों की खेलें बंद होने से नौनिहाल मायूस हैं। कई सालों से अंडर-12 खेलों में नौनिहाल विभिन्न स्पर्धाओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन दिखाते थे लेकिन बीते वर्ष से प्रदेश सरकार द्वारा अंडर-12 खेलें बंद कर दी है। हालांकि बीते वर्ष आनन-फानन में सरकार द्वारा खंड स्तर तक खेलें करवाई गई और इस साल नौनिहालों को उम्मीद थी कि अंडर-12 खेलें होंगी, लेकिन बीते दिन शिक्षा विभाग द्वारा अंडर-14 व अंडर-19 खेलों का शैड्यूल जारी किया गया और अंडर-12 खेलों को नजरअंदाज किया गया।
अंडर-12 खेलों का शैड्यूल जारी न होने पर राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने मोर्चा खोल दिया है। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ द्रंग- 1 के अध्यक्ष बलवीर ठाकुर, महासचिव सुरेंद्र सिंह कोषाध्यक्ष सोहन सिंह सकलानी, चौंतड़ा-1 के अध्यक्ष कपिल राव, महासचिव नरेश शर्मा, द्रंग- 2 के अध्यक्ष नागेश कुमार, महासचिव खूब राम सहित अन्य पदाधिकारियों ने कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा जारी स्कूली खेल कैलेंडर में अंडर-12 खेलों को शामिल न करना प्रदेश के हजारों नौनिहालों के सपनों को तोड़ने जैसा है।
उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों में बच्चों को खेलों के भरपूर अवसर मिलते हैं, जहां अभिभावक अपने स्तर पर बैडमिंटन, शतरंज, दौड़ व कबड्डी जैसे खेलों की प्रशिक्षण व्यवस्था करवा देते हैं। साथ ही समर कैंप और एक्सपोज़र टूर्स के माध्यम से बच्चों को विकसित होने का अवसर मिलता है। वहीं सरकारी स्कूलों के बच्चे जो अधिकतर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं के लिए स्कूलों में आयोजित अंडर-12 खेल ही उनके सर्वांगीण विकास का एकमात्र मंच होते हैं। इन खेलों के माध्यम से ही कई बच्चे जीवन में पहली बार बस यात्रा करते हैं और शहरों को देख पाते हैं, जिससे उनका आत्मविश्वास और सामाजिक अनुभव बढ़ता है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में प्राथमिक स्तर पर अंडर-12 खेलों को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। वहीं जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में तो अंडर-10 से ही खेल प्रतिभा को पहचान कर तराशने का कार्य शुरू हो जाता है।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
