Uttar Pradesh

हिन्दू धर्म और संस्कृति की रक्षा हिन्दू नवयुवकों से ही सम्भव: रामाशीष

काशी दक्षिण भाग का विजयादशमी उत्सव
काशी दक्षिण भाग का विजयादशमी उत्सव

आईआईटी बीएचयू एनसीसी ग्राउण्ड में काशी दक्षिण भाग का विजयादशमी उत्सव,पथसंचलन

वाराणसी,11 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष में शनिवार को भारतीय प्रौद्यौगिकी संस्थान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (आईआईटी बीएचयू) के एनसीसी ग्राउण्ड में संघ के काशी दक्षिण भाग की ओर से विजयादशमी उत्सव और पथसंचलन का आयोजन किया गया।

उत्सव में प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य रामाशीष ने बतौर मुख्य वक्ता कहा कि हिन्दू धर्म और संस्कृति की रक्षा हिन्दू नवयुवकों से ही सम्भव है। आज हिन्दू नवयुवक अपने इतिहास से अनभिज्ञ है, जबकि इतिहास के पाठ को अपने जीवन में सम्मिलित करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आरएसएस का उद्देश्य राष्ट्र के लिए ऐसे नागरकि का निर्माण करना है जिसमें छुआछूत का भेदभाव न हो। संघ ‘ना हिन्दू पतितो भवेत’ की भावना के साथ समरस समाज बना रहा है। वर्तमान भारत की स्थिति का उल्लेख कर रामाशीष ने कहा कि यहां ऐसे देशभक्त उत्पन्न हो गये है जिनकी निष्ठा वक्फ, मक्का या पाकिस्तान के साथ है। ऐसे लोग भारत के टुकड़े होने पर विचलित नहीं होते। वह हिन्दू समाज ही है, जो भारत माता के प्रति आत्मीय भाव रखता है। डॉ हेडगेवार ने संघ स्थापना के समय यह उद्देश्य स्पष्ट किया था कि हिन्दुओं को अपनी संस्कृति पर हो रहे वाह्य एवं आन्तरिक आक्रमणों का निदान करना होगा। संघ संस्थापक डॉ हेडगेवार ने जन्म से ही देशभक्ति दिखाई। यह राष्ट्र भक्ति केवल ट्रेन से फेंक दिये जाने के फलस्वरूप उत्पन्न नहीं हुई।

—स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में संघ संस्थापक का योगदान

देश के स्वतंत्रता संग्राम में आरएसएस के योगदान का जिक्र कर रामाशीष ने कहा कि डॉ हेडगेवार के जीवन में ऐसी अनेक घटनाएं हैं जो उन्हें क्रांतिकारी सिद्ध करती हैं। इन्होंने लोकमान्य तिलक, महर्षि अरविन्द के साथ स्वतंत्रता आन्दोलन में भाग लिया था। भगिनी निवेदिता द्वारा स्थापित अनुशीलन समिति में डॉ हेडगेवार क्रांतिकारियों के सहायक थे। संघ शताब्दी वर्ष में पंच परिवर्तन का भी उन्होंने जिक्र किया। उत्सव की अध्यक्षता करते हुए बीएचयू चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. एस.एन संखवार ने एनएमओ के सेवा कार्य की विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों को राष्ट्र प्रथम की भावना अपने हृदय में सदैव संरक्षित करनी चाहिए। कार्यक्रम के प्रारम्भ में मालवीय नगर के संघचालक प्रो. विवेक पाठक सहित मंचस्थ अतिथियों ने शस्त्र पूजन किया। अमृत वचन कुणाल, एकल गीत सौरभ एवं संचालन पुण्यांश ने किया। प्रार्थना के पश्चात पूर्ण गणवेश में स्वयंसेवकों ने घोष की धुन पर पथ संचलन किया। पथ संचलन आईआईटी बीएचयू एनसीसी ग्राउण्ड से निकलकर आईआईटी चौराहा, हैदराबाद गेट से धनराजगिरी छात्रावास चौराहा होते हुए वापस कार्यक्रम स्थल पहुंचा। इसके अतिरिक्त काशी दक्षिण भाग के कर्दमेश्वर नगर में अभिनव , शूलटंकेश्वर नगर में काशी विभाग के महाविद्यालय कार्य प्रमुख आशुतोष , हनुमान नगर में कृष्णकांत ने विजयादशमी उत्सव एवं पथ संचलन के कार्यक्रम को संबोधित किया।

—————

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

Most Popular

To Top