West Bengal

बंगालियों के उत्पीड़न के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पेश, दो दिनों तक होगी चर्चा

बंगाल विधानसभा

कोलकाता, 01 सितंबर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन सोमवार को राज्य के संसदीय कार्य मंत्री शोभनदेब चट्टोपाध्याय ने भाजपा शासित राज्यों में बंगाली भाषी प्रवासी श्रमिकों के कथित उत्पीड़न के मुद्दे पर प्रस्ताव पेश किया। विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए इसकी चर्चा मंगलवार और गुरुवार को निर्धारित की। बुधवार को करम पूजा के अवसर पर अवकाश रहेगा।

सदन की कार्यवाही सोमवार को प्रस्ताव स्वीकार किए जाने के बाद स्थगित कर दी गई। तय कार्यक्रम के अनुसार मंगलवार और गुरुवार को प्रस्ताव पर दो-दो घंटे की चर्चा होगी। इन दोनों दिनों सदन में ‘कॉलिंग अटेंशन’ और ‘मेंशन’ सत्र आयोजित नहीं किए जाएंगे।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि बंगाल से बाहर काम करने गए बंगाली भाषी लोगों को उत्पीड़न और उत्पात का सामना करना पड़ रहा है, जिससे राज्य में चिंता व्याप्त है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस संवेदनशील विषय पर सभी दल राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर भाषा और संस्कृति के हितों को ध्यान में रखते हुए गंभीर चर्चा करेंगे।

जानकारी के अनुसार, विशेष सत्र में इस प्रस्ताव के अलावा कुछ अन्य विषयों पर भी चर्चा संभव है। इनमें मुख्य रूप से भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया और ‘अपराजिता महिला एवं बाल (प.बं. दंडाधिकार संशोधन) विधेयक’ को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा पुनर्विचार हेतु राज्य सरकार को लौटाए जाने का मुद्दा शामिल है। यह विधेयक बलात्कार तथा बलात्कार-हत्या जैसे मामलों में कठोरतम सजा सुनिश्चित करने के लिए लाया गया था, लेकिन केंद्र सरकार ने इसकी कुछ धाराओं पर आपत्ति जताई थी, जिसके चलते जुलाई में इसे वापस भेजा गया।———————–

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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