
नालंदा, 7 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । बिहार विधान सभा आम निर्वाचन 2025 की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता पूरे नालन्दा जिले में प्रभावी हो गयी है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन के दौरान शांति व्यवस्था बनाये रखने एवं निरोधात्मक कार्रवाई हेतु स्थायी आदेश निर्गत किया गया है। इस अवधि में विभिन्न राजनैतिक दलों, प्रत्याशियों, गैर राजनैतिक दलों एवं व्यक्तियों द्वारा प्रचार-प्रसार एवं जनसभा, जुलूस का आयोजन किया जाएगा।
इन समूहों एवं व्यक्तियों के राजनैतिक प्रतिद्वंदिता एवं प्रतिस्पर्धा के कारण विधि-व्यवस्था भंग होने की प्रबल संभावना रहती है। साथ ही, चुनाव अवधि में आम मतदाताओं को डराने धमकाने एवं जातीय, साम्प्रदायिक तथा धार्मिक विद्वेष की भावना फैलाने वाले असामाजिक तत्वों के सकिय होने की संभावना रहती है, जिसके कारण लोक शांति भंग हो सकती है।इसके लिए जिला दण्डाधिकारी ने सम्पूर्ण नालन्दा जिले में बिहार विधान सभा आम निर्वाचन, 2025 के दौरान विधि-व्यवस्था एवं लोक व्यवस्था बनाये रखने हेतु त्वरित कार्रवाई कर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा-163 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सम्पूर्ण नालन्दा जिला में निम्नांकित निषेधाज्ञा जारी किया है। इसके लिए नियम लागू किया गया है जिसमें मुख्यतः पाँच या पाँच से अधिक व्यक्ति एक साथ जमा होकर किसी भी प्रकार की सभा जुलूस बैठक एवं धरणा प्रदर्शन बिना सक्षम प्राधिकार की पूर्वानुमति के नहीं करेंगे। साथ ही ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग बिना सक्षम प्राधिकार की पूर्वानुमति के नहीं करेंगे।
भारतीय दंड विधान संहिता 1955 के अंतर्गत ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग रात्रि 10.00 बजे से प्रातः 06.00 बजे तक पूर्णत वर्जित रहेगा। वहीं किसी भी व्यक्ति राजनैतिक दल, संगठन के द्वारा राजनैतिक प्रयोजन से संबंधित किसी भी प्रकार के सभा, जुलूस, धरना प्रदर्शन तथा ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग बिना सक्षम प्राधिकार के पूर्वानुमति के नहीं किया जाएगा। साथ ही, अनुमति की शर्तों के प्रतिकूल कोई भी कार्य नहीं किया जाएगा। साथ हीं किसी भी तरह के अस्त्र, शस्त्र, हथियार, लाठी, भाला, गड़ासा. चाकु, छुरी, बरछी, तीर, धनुष, कुल्हाड़ी, विस्फोटक पदार्थ, अग्नेयास्त्र को सावर्जनिक स्थल पर लाना और प्रदर्शित करना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। कोई भी व्यक्ति, संगठन या राजनैतिक दल किसी भी ऐसे पर्चा, आलेख, फोटो आदि का प्रकाशन नहीं करेंगे जिससे धार्मिक, जातीय या साम्प्रदायिक उन्माद फैलने की संभावना हो। साथ ही, जातीय, धार्मिक या साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने वाले और सोशल मीडिया अथवा इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भी ऐसे संदेश का आदान-प्रदान नहीं करेंगे।कोई भी व्यक्ति, राजनैतिक दल, संगठन किसी धार्मिक स्थल का उपयोग राजनैतिक प्रचार के लिए नहीं करेंगे।
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(Udaipur Kiran) / प्रमोद पांडे
