
प्रयागराज, 26 अगस्त (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद विश्वविद्यालय का नाम एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय पटल पर गूंजा है। विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर एवं राष्ट्रीय मनोविज्ञान अकादमी (NAOP) के महासचिव प्रो.संजय कुमार ने बाली (इंडोनेशिया) में 21 से 24 अगस्त को आयोजित BRICS+Psy सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए ऐतिहासिक भूमिका निभाई। यह सम्मेलन न केवल भारत की मनोवैज्ञानिक चिंताओं को विश्व मंच पर उठाने का अवसर था, बल्कि वैश्विक सहयोग की नई सम्भावनाओं को भी जन्म देने वाला साबित हुआ।
सम्मेलन में प्रो. संजय कुमार ने भारत की बढ़ती मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि किशोर आत्महत्याओं की बढ़ती घटनाएं, अनियंत्रित हिंसा और आक्रामकता तथा जाति और लिंग आधारित यौन अपराध आज समाज के लिए सबसे बड़े खतरे हैं। इन समस्याओं को केवल राष्ट्रीय नीतियों से नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग और साझा रणनीति से ही प्रभावी ढंग से हल किया जा सकता है। प्रो. संजय न केवल एक वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक हैं, बल्कि एक मान्यता प्राप्त काउंसलर भी हैं। वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को निःशुल्क परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराते हैं।
अपने परामर्श अनुभव और काउंसलिंग डेटा के आधार पर उन्होंने सम्मेलन में यह तथ्य रखा कि देश भर में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं अत्यंत व्यापक और गंभीर हैं। जिनके लिए तत्काल समाधान की आवश्यकता है। सम्मेलन में शामिल BRICS+Psy देशों ने माना कि भारत का मनोविज्ञान ज्ञान और उसकी परम्परा विश्व के लिए दिशा-निर्देशक है। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे भारत के साथ मिलकर दीर्घकालिक रणनीतियां तैयार करेंगे। इतना ही नहीं, उन्होंने भारत से यह भी निवेदन किया कि भारतीय मनोवैज्ञानिक अन्य BRICS+Psy देशों की मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों के समाधान में भी सहयोग करें।
सम्मेलन का एक विशेष आकर्षण 14 अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों द्वारा भारत के साथ शिक्षक-छात्र विनिमय कार्यक्रम और संयुक्त शोध हेतु समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर था। इन समझौतों से शिक्षा और अनुसंधान में नई ऊँचाइयां स्थापित होंगी और साझा मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों के समाधान हेतु एक मजबूत वैश्विक तंत्र विकसित होगा। सम्मेलन में प्रो. संजय को दक्षिण अफ्रीका, रूस और इंडोनेशिया के कई विश्वविद्यालयों से वर्ष 2026 और 2027 में शोध सहयोग तथा शैक्षणिक गतिविधियों के लिए औपचारिक निमंत्रण मिला। इसके साथ ही BRICS+Psy देशों ने उनके प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए भारत में विशेष कार्यशालाएं और प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने की घोषणा की।
सम्मेलन में यह स्वीकार किया गया कि भारत अपने अनुभव और ज्ञान से इस विशाल आबादी की मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने में अग्रणी भूमिका निभा सकता है। भारत आगामी 18वें BRICS शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। इस संदर्भ में प्रो. संजय कुमार की भूमिका को बेहद अहम माना जा रहा है। वे इस सम्मेलन को अगली BRICS+Psy बैठक से जोड़ने में एक सक्रिय सेतु का कार्य करेंगे।
यह जानकारी इविवि की पीआरओ प्रो जया कपूर ने दी। उन्होंने बताया कि सम्मेलन की सफलता पर प्रो. संजय कुमार ने कहा है कि “यह अवसर मेरे लिए मनोविज्ञान विज्ञान की सेवा को समर्पित है। मैं इलाहाबाद विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय मनोविज्ञान अकादमी का आभारी हूं, जिन्होंने मुझे यह दायित्व निभाने का अवसर दिया। यह सम्मेलन निश्चित रूप से भारत और BRICS+Psy देशों के बीच मानसिक स्वास्थ्य सहयोग का नया अध्याय बनेगा।”
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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र
