
कानपुर, 05 सितम्बर (Udaipur Kiran) । FUEL 2025 के माध्यम से, हम नवाचारों और आवश्यक निवेश के बीच एक मजबूत आधार बनाना चाहते हैं, ताकि ये नवाचार व्यावसायिक उत्पादों में सफलतापूर्वक परिवर्तित हो सकें। पिछले पांच वर्षों में हमारा स्टार्टअप इकोसिस्टम तेजी से बढ़ा है, जो ‘स्टार्टअप इंडिया’ मिशन के अनुरूप है। हम छात्रों और फैकल्टी स्टार्टअप्स के लिए विशेष फंड बना रहे हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा विचार व्यावसायिक रूप ले सकें। यह बातें शुक्रवार को आईआईटी कानपुर निदेशक प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने कही।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी कानपुर) के स्टार्टअप इनक्यूबेशन और इनोवेशन सेंटर ने अपनी पहली FUEL 2025 (Funding, Upscaling, Enabling Leaders) मीटिंग का सफलतापूर्वक आयोजन नोएडा में किया। यह कार्यक्रम उच्च क्षमता वाले स्टार्टअप्स को निवेशकों, कॉर्पोरेट्स और सरकारी संस्थाओं से जोड़ने के लिए एक विशेष मंच रहा। इसका मकसद लैब से बाज़ार तक नवाचार को तेजी से ले जाना है।
FUEL 2025 में वेंचर कैपिटलिस्ट, एंजेल नेटवर्क, कॉर्पोरेट, सरकारी अधिकारी और शिक्षाविद शामिल हुए। 20 इनक्यूबेटेड स्टार्टअप्स ने अपने क्लीन एनर्जी, रक्षा और एयरोस्पेस, हेल्थकेयर, डीप टेक, एग्रीटेक, मेडटेक, और साइबर सुरक्षा से जुड़े समाधानों को पेश किया। हर स्टार्टअप के निवेशकों ने 15 मिनट के एक-एक पिचिंग सेशन्स में भाग लिया। जहां फंडिंग, सहयोग और बाज़ार विस्तार के अवसर तलाशे गए।
मुख्य अतिथि देवेश चतुर्वेदी सचिव कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार ने भारत के युवाओं में बढ़ते उद्यमशीलता उत्साह की सराहना की। कहा कि पहले के मुकाबले आज के युवा स्टार्टअप्स को अपना करियर विकल्प चुन रहे हैं। सरकार डिजिटल कृषि मिशन और डिजिटल क्रॉप सर्वे जैसे कार्यक्रमों के जरिए किसानों को डिजिटल पहचान और भूमि रिकॉर्ड उपलब्ध करा रही है, जो एग्रीटेक स्टार्टअप्स के लिए नए अवसर खोलता है।
मुख्य वक्ता राहुल गर्ग संस्थापक और सीईओ मोगलिक्स और आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है, लेकिन सफलता आत्मविश्वास और विनम्रता का संतुलन भी है। उद्यमियों को बड़े सपने देखने चाहिए, पूंजी उनके जुनून और उत्कृष्ट कार्य के पीछे आएगी। सबसे जरूरी है इस सफर का आनंद लेना।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
