HimachalPradesh

परिवार सुने बुजुर्गों के मन की बात : प्रो. बंसल

संगोष्ठी के दौरान पुस्तकों का विमोचन करते हुए कुलपति।

धर्मशाला, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । बढ़ती उम्र में बुजुर्गों को भावनात्मक समर्थन की जरुरत बढ़ जाती है, इसलिए यह आवश्यक हो जाता है कि परिवार और समाज बुजुर्गों के मन की बात को सुनें। इससे जहां बुजुर्गों के अनुभवों का लाभ उठाया जा सकता है, वहीं उनको भावनात्मक सम्बल भी मिल सकेगा। यह बातें हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने ‘21 वीं सदी में वरिष्ठजनों की देखभाल : वर्तमान चुनौतियां, नवाचार एवं उत्कृष्टतम व्यवहार’ विषयक संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए कहीं।

प्रो बंसल ने कहा कि इस संगोष्ठी में वरिष्ठजनों की समस्याओं को लेकर चिंतन किया जा रहा है, तो यह अकादमिक जगत में एक सुखद बदलाव का संकेत है। उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी में वरिष्ठजनों से सम्बंधित चुनौतियां और उसके संभावित समाधान को चिन्हित कर सम्बंधित मंत्रालय को भेजना चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि यदि बुजुर्गों की समस्याओं और अनुभवों को उनके मुख से सुनकर यदि लिपिबद्ध किया जाए, तो नीति-निर्माता संस्थाओं को अधिक व्यवहारिक और सटीक नीतियां बनाने में सहूलियत मिल सकती है।

उन्होंने कहा कि उनके जीवन को इस मुकाम तक पहुंचने में उनकी माता का आशीर्वाद हमेशा से उन्हें प्रोत्साहित करता रहा और आज भी वह उनके साथ रहती है और परिवार का मार्गदर्शन करती आ रही हैं।

इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. नरेंद्र कुमार सांख्यान ने युवाओं को आगाह करते हुए कहा कि बुजुर्गों से बर्ताव करते समय इस बात को याद रखना चाहिए की एकदिन सभी को बूढ़ा होना है। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों के प्रति संवेदनशीलता जरुरी है। विशिष्ठ अतिथि के रूप में बोलते हुए ओंकार सिंह पठानिया ने कहा कि शैक्षणिक क्षेत्र में हिमाचल में बहुत सुधार हुआ है और देहरा में केंद्रीय विश्वविद्यालय का बनना इस पूरे क्षेत्र के लिए वरदान से कम नहीं है।

(Udaipur Kiran) / सतेंद्र धलारिया

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