RAJASTHAN

किसान को अच्छा बीज, तकनीक और सलाह मिलने से कृषि में बढ़ेगी उत्पादकता- मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

कार्यक्रम काे संबाेधित करते सीएम।

जयपुर, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में आयोजित विशेष कृषि कार्यक्रम में देश की कृषि व्यवस्था को नई दिशा देने वाली दो महत्त्वपूर्ण योजनाओं प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का शुभारंभ किया। इन योजनाओं पर क्रमशः 24 हजार करोड़ और 11 हजार 440 करोड़ रुपये का व्यय किया जाएगा।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया।

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इस अवसर पर दुर्गापुरा स्थित राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े और कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा।

मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की कृषि व्यवस्था में नए युग का शुभारंभ किया है। ये योजनाएं खेती को अधिक आत्मनिर्भर, टिकाऊ और आधुनिक बनाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का उद्देश्य किसान को पारंपरिक खेती की सीमाओं से बाहर निकालकर तकनीकी, वैज्ञानिक और बाजार-आधारित दृष्टिकोण से जोड़ना है ताकि हर किसान समृद्धि का प्रतीक बने।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, नीम कोटेड यूरिया और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना जैसे कदमों से किसानों की आय में वृद्धि हुई है। डिजिटल भुगतान प्रणाली से सहायता सीधे किसानों तक पहुंच रही है, जिससे पारदर्शिता बनी हुई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि धन-धान्य कृषि योजना के तहत देश के 100 कृषि जिलों का चयन किया गया है, जिनमें राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, नागौर, जोधपुर, बीकानेर, पाली, जालोर और चूरू जिले शामिल हैं।

योजना का उद्देश्य सिंचाई विस्तार, फसल विविधीकरण, भंडारण क्षमता में वृद्धि और किसानों को सस्ती ऋण सुविधा उपलब्ध कराना है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक 23 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र लगाए जा चुके हैं। रामजल सेतु लिंक परियोजना और ईस्टर्न राजस्थान केनाल प्रोजेक्ट जैसी योजनाएं किसानों को पर्याप्त जल उपलब्ध कराने में सहायक होंगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक प्रदेश में 14 लाख सॉयल हेल्थ कार्ड जारी किए जा चुके हैं, जिससे किसानों को वैज्ञानिक सलाह मिल रही है। 97 हजार से अधिक किसानों को कृषि यंत्रों पर 546 करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान दिया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में एक करोड़ 76 लाख किसानों को फसल बीमा योजना के तहत 5,965 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है। वर्ष 2025 में अब तक दो करोड़ 16 लाख बीमा पॉलिसियां जारी की जा चुकी हैं। शर्मा ने बताया कि प्रदेश में 42 लाख पशुओं का बीमा कराया गया है। पात्र गौशालाओं में अनुदान 25% बढ़ाया गया है, वहीं ऊंटपालकों को दी जाने वाली सहायता 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपये कर दी गई है।

राज्य में बस्सी स्थित फ्रोजन सीमेन बैंक और मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों से किसानों को बड़ी राहत मिली है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में अब तक डेढ़ लाख से अधिक सोलर पंप यूनिट स्थापित किए जा चुके हैं, जिन पर 2,672 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है। मोबाइल ऐप के माध्यम से किसानों को योजनाओं की जानकारी घर बैठे उपलब्ध होगी।

इस अवसर पर कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीना ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों को 33 प्रतिशत फसल खराबे पर भी राहत देने का ऐतिहासिक निर्णय किया है। दलहन आत्मनिर्भरता मिशन से विशेष रूप से मूंग उत्पादक किसानों को लाभ होगा। कार्यक्रम में सांसद राव राजेन्द्र सिंह, श्रीमती मंजू शर्मा सहित कृषि एवं सहकारिता विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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