
जयपुर, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश के 40 हजार निजी स्कूलों में आरटीई के तहत प्री-प्राइमरी के एंट्री लेवल सहित अन्य क्लास में एडमिशन देने से जुड़े मामले में राज्य सरकार से पूछा है कि उन्होंने किस कानून के तहत निजी स्कूलों को पीपी-3, पीपी-4, पीपी-5 व पहली कक्षा में एडमिशन देने के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अदालत ने यह भी पूछा है कि वह निजी स्कूलों को फीस का पुनर्भुगतान क्यों नहीं करेगी। अदालत ने मामले की सुनवाई 19 अगस्त को रखते हुए राज्य सरकार से कहा है कि वह इस संबंध में सक्षम अधिकारी का स्पष्टीकरण पेश करे। जस्टिस अवनीश झिंगन व जस्टिस बलजिंदर सिंह संधू की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार व निजी स्कूलों की अपीलों पर संयुक्त सुनवाई करते हुए दिए।
मामले से जुड़े अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल व डॉ. अभिनव शर्मा ने बताया कि अपीलों में एकलपीठ के 18 जुलाई 2023 के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें निजी स्कूलों को शैक्षणिक सत्र 2023-24 में बच्चों को प्री प्राइमरी के एंट्री लेवल यानि नर्सरी व पहली कक्षा में एडमिशन देने के लिए कहा था। जबकि राज्य सरकार ने भी अपील में एकलपीठ के राज्य सरकार के उस प्रावधान को रद्द करने के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें आरटीई के तहत प्री प्राइमरी क्लासेज में होने वाले बच्चों के एडमिशन की फीस का पुनर्भुगतान नहीं करने वाले प्रावधान को एकलपीठ ने रद्द कर दिया था। इसके अलावा राज्य सरकार ने एकल पीठ की ओर से चार लेवल में एडमिशन की बजाय नर्सरी व पहली कक्षा में एडमिशन देने के निर्देश को भी चुनौती दी थी।
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(Udaipur Kiran)
